किसानों की आय दोगुनी करने की कोशिश में जुटी मोदी सरकार ने बांस की खेती को प्रमोट करने की योजना बनाई है. अब किसानों को एक नई खेती का विकल्प मिल गया है. इसकी खेती के बीच में आप दूसरी फसलें भी उगा सकते हैं. सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीबीआरआई), रुड़की ने बांस को कंस्ट्रक्शन के काम में लाने की मंजूरी भी दे दी है. इसकी खेती में तीन साल में औसतन 240 रुपये प्रति प्लांट की लागत आएगी. जिसमें से 120 रुपये प्रति प्लांट की मदद सरकार करेगी.पहले बांस लगाने की अनुमति तो थी लेकिन काटने पर फॉरेस्ट एक्ट लगता था. एफआईआर होती थी. वन विभाग के अधिकारी और पुलिस वाले किसानों को तंग करते थे. इसलिए किसान बांस लगाने से बचता था. लेकिन अब सरकार ने न सिर्फ नियम बदल दिया है बल्कि इसकी खेती के लिए राष्ट्रीय बैंबू मिशन भी बना दिया है. जिसके तहत किसान को बांस की खेती करने पर आर्थिक मदद मिलेगी.
बांस अब कंस्ट्रक्शन के काम आ रहा है. आप इससे घर बना सकते हैं. फर्नीचर बना सकते हैं. फ्लोरिंग कर सकते हैं. हैंडीक्रॉफ्ट और ज्वैलरी बना सकते हैं. इस मिशन को आगे बढ़ाने के लिए हर राज्य में मिशन डायरेक्टर बनाए गए हैं. उन्होंने जिलेवार अधिकारी तय किया है कि कौन इस काम को देखेगा. इसमें कृषि, वन और उद्योग तीन विभाग शामिल होते हैं. उद्योग विभाग को बांस से बने उत्पादों का बाजार बताना है. जिले में इसका नोडल अधिकारी आपको पूरी जानकारी दे देगा. बैंबू मिशन के अधिकारियों का कहना है कि सरकारी नर्सरी से फ्री में बांस की पौध मिलेगी. इसकी 136 प्रजातियां हैं. उनमें से 10 का इस्तेमाल सबसे ज्यादा हो रहा है. अलग-अलग काम के लिए अलग-अलग बांस की प्रजाति है. आप खुद चयन कीजिए कि किस काम के लिए बांस लगा रहे हैं.
बांस की खेती तैयार होने में करीब चार साल लगता है. चौथे साल में कटाई शुरू कर सकते हैं. चूंकि इसका पौधा तीन-चार मीटर की दूरी पर लगाया जाता है इसलिए इसके बीच की जगह पर आप कोई दूसरी खेती भी कर सकते हैं.कृषि मंत्रालय की एडिशनल सेक्रेटरी अल्का भार्गव के मुताबिक तीन साल में औसतन 240 रुपये प्रति प्लांट की लागत आएगी. जिसमें से 120 रुपये प्रति प्लांट की सरकार मदद देगी. पूर्वोत्तर को छोड़कर अन्य क्षेत्रों में इसकी खेती के लिए 50 फीसदी सरकार और 50 फीसदी किसान लगाएगा. 50 फीसदी सरकारी शेयर में 60 फीसदी केंद्र और 40 फीसदी राज्य की हिस्सेदारी होगी. जबकि पूर्वोत्तर में 60 फीसदी सरकार और 40 फीसदी किसान लगाएगा. 60 फीसदी सरकारी पैसे में 90 फीसदी केंद्र और 10 फीसदी राज्य सरकार का शेयर होगा.
अल्का भार्गव के मुताबिक जरूरत और प्रजाति के हिसाब से एक हेक्टेयर में 1500 से 2500 पौधे लगा सकते हैं. अगर आप 3 गुणा 2.5 मीटर पर पौधा लगाते हैं तो एक हेक्टेयर में करीब 1500 प्लांट लगेंगे. साथ में आप दो पौधों के बीच में बची जगह में दूसरी फसल उगा सकते हैं. चार साल बाद 3 से 3.5 लाख रुपये की कमाई होने लगेगी. हर साल रिप्लांटेशन करने की जरूरत नहीं होगी. क्योंकि बांस की पौध लगभग 40 साल चलती है.