
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हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने किसानों से रासायनिक खाद व कीटनाशकों का इस्तेमाल कम करने की सलाह दी है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | दिसंबर में जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीरो बजट प्राकृतिक खेती (Zero Budget Natural Farming) पर जोर देने की बात की है तब से बीजेपी शासित राज्यों में इस बात की स्पर्धा चल रही है कि इस मसले पर केंद्र सरकार को कौन जल्द से जल्द क्या करके दिखा सकता है. मध्य प्रदेश सरकार इस पर काफी फोकस कर रही है. इस महीने शिवराज सरकार ने केमिकल फ्री खेती करने वाले कई किसानों (Farmers) की सक्सेस स्टोरी (Success Story) बताई. अब प्राकृतिक खेती पर हरियाणा सरकार ने सम्मेलन करने का एलान किया है. संयोग से ऐसी खेती के प्रखर हिमायती गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत हरियाणा के ही रहने वाले हैं. उनका कुरुक्षेत्र में गुरुकुल है, जहां करीब 200 एकड़ के फार्म में प्राकृतिक खेती होती है.
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भिवानी में रविवार को आयोजित पशु मेले में आए किसानों से रासायनिक खाद व कीटनाशकों का इस्तेमाल कम करने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि जल्दी ही सरकार जीरो बजट प्राकृतिक खेती पर एक बड़े सम्मेलन का आयोजन करने जा रही है. कृषि क्षेत्र को वैज्ञानिक व नई तकनीक से जोड़कर किसानों का खर्च घटाया जा सकता है.
सरकार शुरू करेगी अभियान
मनोहर लाल ने कहा कि हम गौपालन कर उसके गोबर की खाद और गौमूत्र का प्रयोग करके भूमि को उर्वरा बना सकते हैं. जीरो बजट खेती की अवधारणा मजबूत करने के लिए सरकार सक्रिय अभियान शुरू करने जा रही है. ताकि इसे बढ़ावा मिले. उन्होंने कहा कि किसानों की आमदनी में वृद्धि के लिए कृषि के सहायक व्यवसायों जैसे मधुमक्खी पालन, डेयरी फार्मिंग (Dairy farming), मशरूम उत्पादन आदि को प्रोत्साहन देने के लिए कई ऋण व अनुदान योजनाएं चलाई जा रही हैं.
कृषि योजनाओं के लोन का करें सदुपयोग
सीएम ने कहा कि युवाओं को इन योजनाओं से जोड़कर बेरोजगारी को दूर करने का काम किया जाएगा. उन्होंने कहा कि कई बार ऋण योजनाओं का सदुपयोग करने की बजाय उनका दूसरे कार्य में प्रयोग किया जाता है. जबकि कृषि ऋण (Agri Loan) मिलने के बाद होने वाली कमाई से लोन को चुकाया जाए तो बैंक उस लाभार्थी को और अधिक राशि का ऋण मंजूर कर सकता है. उन्होंने कहा कि नशे की गर्त में जाकर कोई भी आदमी अपने परिवार की आर्थिक हालत को खराब न करे, बल्कि अपनी मेहनत की कमाई से लोन की अदायगी कर सरकार की स्वरोजगार योजनाओं का लाभ उठाए.
कितनी मिलती है आर्थिक मदद
भिवानी से बीजेपी सांसद धर्मबीर सिंह ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि जो किसान जैविक खेती (Organic Farming) करता है, उसको राज्य सरकार की तरफ से दस हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से प्रोत्साहन राशि दी जाए. हालांकि, इस समय केंद्र सरकार प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को तीन वर्ष के लिए प्रति हेक्टेयर 12,200 रुपये की आर्थिक मदद दे रही है. जबकि जैविक खेती के लिए इतने ही दिन में 50 हजार रुपये की आर्थिक मदद मिलती है. जिसमें जैविक कीटनाशक, खाद एवं बीज के लिए 31000 रुपये मिलते हैं.
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