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चलती कार में लड़की से गैंगरेप का मामला फर्जी निकला, एसएसपी ने खुलासा किया तो सभी रह गए भौचक्के
jantaserishta.com
23 Aug 2024 6:09 AM GMT
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सांकेतिक तस्वीर
निर्दोष जेल जाने से बचे.
झांसी: झांसी के प्रेमनगर थाना क्षेत्र में बीते रोज गैंगरेप की घटना फर्जी निकली। पुलिस की जांच, सीसीटीवी फुटेज व सीडीआर ने कई राज से परदा उठा। वहीं पुलिस वादी, पीड़िता व उसकी बुआ को हिरासत में ले लिया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश एस ने बताया कि जुटाए गए भौतिक, वैज्ञानिक/तकनीकी साक्ष्यों से निर्दोष जेल जाने से बच गए हैं।
प्रेमनगर थाना क्षेत्र में रहने वाले मनीष परिहार ने आरोप लगाया था कि 20 अगस्त को उसके मामा की बेटी सुबह शौच के लिए खेतों में गई थी। उसी समय गांव के तीन व्यक्ति उसे जबरदस्ती उठाकर ले गए, उसके साथ दुष्कर्म किया। फिर झांसी-शिवपुरी हाइवे पर एक धार्मिक स्थल के करीब छोड़कर भाग गए थे। तहरीर के आधार पर पुलिस ने विभिन्न धाराओं, पॉक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज किया था। इसके लिए अलग- अलग टीमों का गठन किया गया। पुलिस द्वारा इस मामले में पीड़िता तथा अभियुक्तगण की सीडीआर का विश्लेषण किया गया। घटना की सत्यता की जाँच हेतु पुलिस द्वारा घटना स्थल के आस-पास व झांसी शहर के अलग-अलग सीसीटीवी फुटेज को चेक किया गया।
घटना स्थल के पास मौजूद प्रभुदयाल अहिरवार निवासी ग्राम डगरिया थाना प्रेमनगर जो वर्तमान में ग्राम प्रधान है उनके घर लगे सीसीटीवी कैमरे का फुटेज चेक किया गया, इसमें पीड़िता द्वारा बताए गए घटना के समय सुबह साढ़े पांच बजे से ग्यारह बजे तक कोई भी चार पहिया सफेद वाहन दिखाई नहीं दिया। वहीं पीड़िता द्वारा सुबह लगभग सात बजे एक पेट्रोल पंप के पास से ऑटो चालक अब्दुल गफ्फार निवासी खैलार के साथ बैठकर 7.20 बजे जेल चौराहे पहुंची, इसकी पुष्टि अब्दुल गफ्फार ने अपने बयानों में की है। इस संबंध में सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध है।
पीडिता द्वारा सुबह 07.21 बजे जेल चौराहा स्थित भोजनालय के कर्मचारी बलवीर सिंह पाल के मोबाइल नंबर से अपने गाँव के पड़ोसी दिलीप पटैरिया को अपने घर पर बात कराने हेतु फोन लगाने का प्रयास किया गया, परंतु फोन नहीं लगा। साक्ष्य के रूप में बलवीर सिंह का कथन, सीसीटीवी फुटेज तथा मोबाइल का स्क्रीन शॉट उपलब्ध है। तत्पश्चात पीड़िता पैदल चलकर सुबह 07.31 बजे इलाइट चौराहा, 07.37 बजे जीवनशाह तथा 07.54 बजे किला होते हुए मिनर्वा चौराहा पहुँची तथा 08.22 बजे तक मिनर्वा चौराहा व उसके आसपास घूमती रही, जिसकी पुष्टि सीसीटीवी फुटेज से हो रही है।
तत्पश्चात पीड़िता पैदल चलकर छोटी काली मातामंदिर के पास खुशीपुरा पर मौजूद मंयक ठाकुर की दुकान पर पहुंची, जहाँ से उसने आर्टिफिशियल एक जोड़ी पायल व बिछिया खरीदी तथा मयंक ठाकुर के मोबाइल से अपने पुरुष मित्र जो उसके गाँव का रहने वाला है, उससे कहा कि तुम मुझसे मिलने के लिए किले पर आ जाओ, मैं वहाँ तुम्हारा इंतजार कर रही हूँ। उक्त तथ्यों की पुष्टि मयंक ठाकुर के कथन तथा वहाँ उपलब्ध सीसीटीवी फुटेज तथा पुरुष मित्र के कथन से हो रही है।
तत्पश्चात पीड़िता पैदल चलकर मिनर्वा होते हुए किले के मुख्य द्वारा पर पहुँची तथा यहाँ 09.15 बजे से 09.41 बजे तक एक बैंच पर बैठी रही तथा अपने पुरुष मित्र का इंतजार करती रही। उक्त तथ्य की पुष्टि सीसीटीवी फुटेज से हो रही है।
अपने पुरुष मित्र के न आने पर पीड़िता मिनर्वा चौराहे से ऑटो पर बैठकर 10.05 बजे जेल चौराहे आई तथा जेल चौराहे से 10.13 बजे ऑटो (UP93BT4388) चालक फूलसिंह वंशकार के साथ बैठकर हँसारी पहुँचकर अपनी बुआ के यहां पहुंची। उक्त तथ्य की पुष्टि चालक फूलसिंह के बयान, उपलब्ध सीसीटीवी फुटेज से हो रही है।
बुआ फूलवती परिहार के यहाँ पहुँचने पर पीड़िता द्वारा शुरुआत में घर से जाने तथा गायब रहने का कारण घर वालों को नहीं बताया गया। परंतु, परिवारीजन द्वारा बार-बार दबाव देने पर पीड़िता ने बताया कि वह अपने पुरुष मित्र के साथ परिवार के साथ कहीं जाना चाह रही थी, परंतु पुरुष मित्र उसे लेने नहीं आया।
तब पीड़िता की बुआ फूलवती उपरोक्त, फूलवती के पुत्र (वादी मुकदमा, मनीष परिहार) ने पीड़िता को समझाया कि यह सही अवसर है। हम लोग मिलकर तुम्हारे गांव के सोनू भार्गव तथा मनीष पाण्डेय से पैसे वसूल सकते हैं। तुम उनके खिलाफ गैंग रेप का मुकदमा लिखा दो। तब ये सभी एक राय होकर उक्त झूठा मुकदमा थाना प्रेमनगर पर पंजीकृत कराया।
विवेचना के दौरान उपलब्ध वैज्ञानिक व तकनीकी साक्ष्यों से वादी मुकदमा तथा पीड़िता द्वारा बताई गई कहानी पूर्णतः झूठी पाई गई। विवेचना में धारा उपरोक्त का लोप करके नामित अभियुक्तों की नामजदगी गलत करते हुए पीड़िता (बाल अपचारी), फूलवती (पीड़िता की बुआ), मनीष परिहार (पीड़िता की बुआ का लड़का/वादी मुकदमा) को हिरासत में लेकर अग्रिम विधिक कार्रवाई की जा रही है। इस मौके पर एसपी सिटी ज्ञानेंद्र सिंह, सीओ सदर स्नेहा तिवारी भी मौजूद रहीं।
तब पीड़िता की बुआ फूलवती उपरोक्त, फूलवती के पुत्र (वादी मुकदमा, मनीष परिहार) ने पीड़िता को समझाया कि यह सही अवसर है। हम लोग मिलकर तुम्हारे गांव के सोनू भार्गव तथा मनीष पाण्डेय से पैसे वसूल सकते हैं। तुम उनके खिलाफ गैंग रेप का मुकदमा लिखा दो। तब ये सभी एक राय होकर उक्त झूठा मुकदमा थाना प्रेमनगर पर पंजीकृत कराया।
विवेचना के दौरान उपलब्ध वैज्ञानिक व तकनीकी साक्ष्यों से वादी मुकदमा तथा पीड़िता द्वारा बताई गई कहानी पूर्णतः झूठी पाई गई। विवेचना में धारा उपरोक्त का लोप करके नामित अभियुक्तों की नामजदगी गलत करते हुए पीड़िता (बाल अपचारी), फूलवती (पीड़िता की बुआ), मनीष परिहार (पीड़िता की बुआ का लड़का/वादी मुकदमा) को हिरासत में लेकर अग्रिम विधिक कार्रवाई की जा रही है। इस मौके पर एसपी सिटी ज्ञानेंद्र सिंह, सीओ सदर स्नेहा तिवारी भी मौजूद रहीं।
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