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प्रत्याशी ने सीएम हेल्प लाइन में किया कॉल, और दे दी सुसाइड करने की धमकी

Nilmani Pal
29 Dec 2021 8:51 AM GMT
प्रत्याशी ने सीएम हेल्प लाइन में किया कॉल, और दे दी सुसाइड करने की धमकी
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जानें पूरा मामला

एमपी। मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव निरस्त होने के बाद अब नामांकन पत्र दाखिल करके चुनाव प्रचार शुरू करने वाले लोगों का गुस्सा भी सामने आने लगा है। रतलाम जिले में एक जनपद प्रत्याशी ने सीएम हेल्प लाइन में आत्महत्या की चेतावनी दे डाली है। वहीं, भाजपा और कांग्रेस के नेताओं के बीच जुबानी जंग जारी है। कांग्रेस ने पंचायत चुनाव को भाजपा का राजनीतिक स्वार्थ करार दिया है तो भाजपा पंचायत चुनाव निरस्त होने पर कांग्रेस को दोषी बता रही है। राज्य निर्वाचन आयोग के पंचायत चुनाव निरस्त कर दिए जाने के बाद 24 दिन चली चुनाव प्रक्रिया पर करोड़ों रुपए का खर्च बेकार साबित हुआ है। वहीं, नामांकन प्रक्रिया, नाम वापसी के बाद जो प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे, उन्होंने चुनाव प्रचार सामग्री, दीवार लेखन आदि शुरू कर दिया था। अचानक चुनाव निरस्त होने से उऩका हजारों रुपए का खर्च बेकार हो गया है। इससे लोगों की नाराजगी दिखाई दे रही है। हालांकि राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रत्याशियों को नामांकन फार्म के साथ भरी गई राशि वापस करने के आदेश किए हैं लेकिन प्रचार सामग्री और अन्य खर्चों से प्रत्याशियों की नाराजगी बढ़ी है। गौरतलब है कि एक ग्राम पंचायत में तो 44 लाख रुपए में सरपंची की कुर्सी आपसी समझौते में एक प्रत्याशी ने बोली में खरीद भी ली थी।

रतलाम जिले के एक जनपद प्रत्याशी भूपेंद्र सिंह ने सीएम हेल्प लाइन में धमकी दी है। उन्होंने पंचायत चुनाव निरस्त होने से उनके हजारों रुपए खर्च होने की शिकायत दर्ज कराना चाही थी। मगर सीएम हेल्प लाइन से जब उन्हें राज्य निर्वाचन आयोग में शिकायत दर्ज कराने का आग्रह किया गया तो वे नाराज हो गए। उन्होंने चुनाव खर्च के बेकार जाने पर आत्महत्या की चेतावनी दी है।

कांग्रेस नेता सैयद जाफर ने मंत्री भूपेंद्र सिंह पर विधानसभा में गलत जानकारी देने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि वे उनके स्तर के नेता नहीं हैं लेकिन इतने बड़े नेता ने विधानसभा में भ्रामक व गलत जानकारी दी कि मेरे और जया ठाकुर द्वारा ओबीसी आरक्षण खत्म करने की मांग अदालत में रखी गई। इस गलत बयानी के लिए उन्हें माफी मांगना चाहिए। वहीं, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. हितेष बाजपेयी ने कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि उसकी वजह से ही पंचायत चुनाव निरस्त हुए हैं जिससे पंचायतों में प्रतिनिधित्व करने वाले लाखों लोगों की उम्मीद पर पानी फेर दिया है।


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