एनसीआर नॉएडा न्यूज़: सेक्टर-93ए सुपरटेक एमरॉल्ड कोर्ट परिसर में पड़े ट्विन टावर के मलबे को पूरी तरह साफ और रास्ते का निर्माण डेढ़ महीने के अंदर करना होगा. नोएडा प्राधिकरण ने बैठक कर साफ तौर पर बिल्डर को निर्देश दे दिए. इस मामले में लापरवाही बरती गई तो प्राधिकरण उच्चतम न्यायालय में बिल्डर के खिलाफ रिपोर्ट देगा.
ट्विन टावर टूटने से पहले शर्तों के मुताबिक मलबे का निस्तारण 28 नवंबर 2022 तक करना होगा, लेकिन आरडब्ल्यूए के विरोध के कारण काम बंद होने और अन्य वजहों से इसमें देरी हो रही है. उच्चतम न्यायालय के आदेश पर एमरॉल्ड कोर्ट में अवैध रूप से बने ट्विन टावर 28 अगस्त 2022 को ध्वस्त किए गए थे. एडीफाइस एजेंसी ने ट्विन टावर ध्वस्त कराए थे. पांच महीने बाद भी मलबे का निस्तारण नहीं हो सका है. करीब एक महीने पहले यहां चल रहे तोड़फोड़ के काम को एमरॉल्ड कोर्ट की आरडब्ल्यूए ने बंद करा दिया था. इसकी वजह यह है कि यहां पर टावर के बेस के राफ्ट को तोड़ने का काम होना था. यह राफ्ट एमरॉल्ड कोर्ट सोसाइटी की अन्य इमारतों से भी जुड़ा हुआ है. ऐसे में इसको तोड़ने का असर अन्य इमारतों पर भी हो सकता है. इसके अलावा लोगों ने आरोप लगाया था कि यहां काफी ध्वनि प्रदूषण हो रहा है. इस वजह से अभी तक काम बंद पड़ा है. ऐसे में इस मामले में नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने अधिकारियों और बिल्डर प्रतिनिधि के साथ बैठक की.
बैठक में साफ तौर पर बिल्डर प्रतिनिधि को निर्देश दिया कि साइट से पूरी तरह डेढ़ महीने के अंदर मलबे का निस्तारण हर हाल में कर लिया जाए. इसके बाद कोई समय नहीं दिया जाएगा. इसके अलावा 50 मीटर लंबा और 9 मीटर चौड़े, चार मीटर गहरा एक पैसेज (मुख्य रास्ता) भी बनाना है. इसमें करीब 45 हजार मीट्रिक टन मलबे का प्रयोग किया जाएगा. एमरॉल्ड कोर्ट आरडब्ल्यूए अध्यक्ष उदयभान सिंह तेवतिया ने बताया कि अधिक प्रदूषण होने से बच्चों की पढ़ाई को काफी नुकसान हो रहा है. इसके अलावा लोग माइग्रेन का शिकार हो रहे हैं. उदयभान सिंह तेवतिया ने बताया कि मैन पैसेज नहीं बनने के कारण भी परेशानी हो रही है.
नजदीकी टावर में मशीन लगाकर प्रदूषण नापा जाएगा
बैठक में तय हुआ कि प्रदूषण विभाग जहां तोड़फोड़ चल रही है सिर्फ उसी जगह मशीन लगाकर ध्वनि स्तर नहीं मापेगा. अब नजदीकी आवासीय टावर पर भी ध्वनि प्रदूषण मापने के लिए विभाग को मशीन लगानी होगी. जांच के दौरान अगर लोगों के घरों के पास अधिक प्रदूषण स्तर मिलता है तो एडीफाइस एजेंसी को प्रदूषण स्तर कम करने के लिए जरूरी संसाधन का प्रयोग करना होगा. पिछले माह प्रदूषण विभाग की ओर से जारी आंकडों के तहत पांच ड्रिल मशीन से करीब 83 से 85 डेसिबल का ध्वनि प्रदूषण हो रहा है. ये वहां रहने वाले लोगों के लिए खतरनाक है. जबकि, अधिक ध्वनि की आवाज 75 डेसिबल होनी चाहिए.
राफ्ट को तोड़ने से कोई नुकसान नहीं होगा
आरडब्ल्यूए ने मुद्दा उठाया था कि टावर के बेस के राफ्ट को तोड़ने से सोसाइटी की अन्य इमारतों की भी नुकसान हो सकता है. इस मामले में प्राधिकरण ने सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीटयूट से मौके का निरीक्षण कराया. प्राधिकरण सीएपी का कहना है कि रिपोर्ट के अनुसार राफ्ट को तोड़ने से अन्य इमारतों को कोई नुकसान नहीं होगा.
बेसमेंट तोड़ने पर आपत्ति दर्ज कराई जा रही
कंपनी की ओर से बताया गया कि टावर गिराने में 17 करोड़ का खर्च हुआ था. समझौते के तहत मलबे से निकलने वाला सरिया और स्टील बेचकर 13 करोड़ वसूल किए जाने हैं. इसमें से नौ करोड़ का सरिया निकाला जा चुका है. जबकि, चार करोड़ का सरिया बेसमैंट है. इसको तोड़ने को लेकर लगातार आपत्ति दर्ज कराई जा रही है.