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मॉल रोड स्थित लाइब्रेरी का एक बार फिर बदला गया बोर्ड

Admin Delhi 1
6 Aug 2023 7:22 AM GMT
मॉल रोड स्थित लाइब्रेरी का एक बार फिर बदला गया बोर्ड
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हल्द्वानी: नैनीताल की प्रसिद्ध लोवर मॉल रोड में स्थित दुर्गा लाल साह लाइब्रेरी के जीर्णोद्धार के बाद हटाये गए दुर्गा लाल साह लाइब्रेरी का बोर्ड दोबारा लगाने की मांग पर 27 मई 2023 को दोबारा लाइब्रेरी के ऊपर नगर पालिका द्वारा बोर्ड लगाया गया था,लेकिन साइन बोर्ड में दुर्गा लाल साह लिखा गया जबकि केवल दुर्गा साह होना था,अब ये भूल सुधार करते हुए नया बोर्ड तैयार किया गया और लाइब्रेरी के ऊपर लगाया गया है जिसमे अब दुर्गा साह नगर पालिका पुस्तकालय नैनीताल लिखा गया है।

आपको बता दें कि इस लाइब्रेरी के जीर्णोद्धार के बाद से ही यहां लगा बरसों पुराना बोर्ड हटा दिया गया था जिसके बाद नैनीताल के वरिष्ठ पत्रकार और इंटेलिजेंस ब्यूरो से सेवानिवृत्त अरुण कुमार शाह द्वारा बोर्ड को सही नाम के साथ दोबारा लगाने की मांग की गई थी,और उनके द्वारा बार बार नगर पालिका प्रशासन को अनुरोध भी किया गया था,नगर पालिका प्रशासन द्वारा नया बोर्ड मई में लगा तो दिया परंतु नाम गलत होने की वजह से एक बार फिर बोर्ड को ठीक करने की मांग की गई जिसके बाद अब बोर्ड सही नाम के साथ बदला गया है।

आपको बता दे कि नैनीताल की ये लाइब्रेरी आज़ादी से भी पुरानी है। ऐसा नैनीताल के वरिष्ठ नागरिकों द्वारा बताया जाता है कि वर्ष 1933-34 में नैनीताल निवासी मोहन लाल साह ने नगर पालिका में लाइब्रेरी खोलने का प्रस्ताव रखा था। मगर तत्कालीन अध्यक्ष ने लाइब्रेरी की स्थापना में करीब पांच हजार का खर्च आने और पालिका इसके लिए समर्थ नहीं होने की बात कहकर इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया, जिसके बाद मोहन लाल साह ने खुद इस खर्च को वहन करने की पेशकश कर डाली थी।उन्होंने पांच हजार देते हुए लाइब्रेरी का नाम उनके पिता दुर्गा साह के नाम पर रखने की शर्त रखी गयी। पालिका ने प्रस्ताव स्वीकार करते हुए लाइब्रेरी का निर्माण करवा दिया।

1 नवंबर 1941 को एक पुस्तकालय समिति का गठन किया गया और पुस्तकालय के निर्माण के लिए सिविल कार्य शुरू किया गया। यह भवन 1942 में पूर्ण रूप से बनकर तैयार हुआ था। मगर कुछ ही वर्ष बाद पुस्तकों की खरीद में अधिक राशि खर्च होने की बात कहते हुए मोहन लाल साह द्वारा दिये गए पांच हजार रुपये लौटा दिए,और तब से दुर्गा साह का नाम हटाकर म्युनिसिपल पब्लिक लाइब्रेरी कर दिया गया। मगर मोहन लाल साह ने लौटाए हुए पैसे लेने से इंकार कर दिया। फिर 1946 में इसका नाम दोबारा दुर्गा लाल साह म्युनिसिपल पब्लिक लाइब्रेरी कर दिया गया, जिसके बाद से ही नगर पालिका द्वारा इसका संचालन किया जाता रहा है।

लाइब्रेरी की खस्ता हालत को देखते हुए दो साल पहले एडीबी वित्त पोषित योजना के तहत करीब डेढ़ करोड़ की लागत से इस पुस्तकालय का जीर्णोद्धार कार्य किया गया और एक बार फिर दुर्गा साह के नाम का बोर्ड यहां से हटा दिया गया था। मई में दुर्गा साह के नाम के बीच मे लाल शब्द लगाकर बोर्ड लगाया गया,लेकिन अब लाल शब्द हटाकर दोबारा बोर्ड लगाया गया है

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