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अवैध कब्जा: गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंजा इलाका, 1 की हत्या

jantaserishta.com
14 July 2022 4:45 AM GMT
अवैध कब्जा: गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंजा इलाका, 1 की हत्या
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न्यूज़ क्रेडिट: हिंदुस्तान

जानें पूरा मामला।

पटना: बिहार में बालू माफिया बेलगाम होते जा रहे हैं। पटना जिले के बिहटा में बालू घाट पर अवैध कब्जे को लेकर खूनी जंग हो गई। सोन नदी में मंगलवार शाम अमनाबाद-पथलौटिया बालू घाट पर बालू माफिया ने कई राउंड फायरिंग की और दो लोगों को गोलियों से भून दिया। इनमें से एक शख्स की मौत हो गई। बालू माफिया ने उसका शव भी गायब कर दिया। हालांकि पुलिस किसी भी तरह की वारदात से इनकार कर रही है।

जानकारी के मुताबिक गोली लगने से पथलौटिया गांव के रहने वाले रामेश्वर राय (45) की मौत हो गई। वहीं गोली से घायल हुए दूसरे शख्स की पहचान नहीं हो पाई है। रामेश्वर के परिजन का आरोप है कि उसके शव को बालू माफिया ने सोन नदी में फेंक दिया, ताकि पुलिस के हाथ इस खून-खराबे का कोई सबूत न लग सके।
वहीं दूसरी ओर बिहटा पुलिस इस हत्याकांड की पुष्टि नहीं कर रही है। पुलिस के मुताबिक मौके से कुछ भी ऐसा बरामद नहीं हुआ है जिससे हत्या होने का पता चले।
रामेश्वर राय के परिवार के लोगों का कहना है कि वह भैंस चराने के लिए गया था। इसी दौरान बालू माफिया एक-दूसरे पर गोली चला रहे थे। रामेश्वर उसी गोली का शिकार हो गया। हत्या के बाद रामेश्वर के शव को बालू माफिया ने सोन नदी में फेंक दिया। रामेश्वर की मौत का पता चलने के बाद परिवार के लोगों के बीच चीख-पुकार मच गई।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि पिछले कई दिनों से बालू घाटों पर अवैध कब्जे को लेकर लगातार गोलीबारी की जा रही है। कई लोग घायल भी हो रहे हैं। फायरिंग की खबर गांववालों तक भी पहुंच रही है। मगर पुलिस ने अब तक बालू माफिया पर कोई कार्रवाई नहीं की है, जिससे उनका मनोबल लगातार बढ़ता जा रहा है।
वारादात की सूचना के बाद बिहटा पुलिस गांव वालों के साथ सोन नदी के घाट पर पहुंची। मगर रामेश्वर का शव बरामद नहीं हो सका। पुलिस ने ग्रामीणों के सहयोग से घटनास्थल के पास से दर्जनों 3.15 बोर के कई खोखे और लापता रामेश्वर राय का खून से सना कपड़ा बरामद किया है। वहीं, दूसरी ओर बिहटा थानाध्यक्ष ने घटनास्थल से खोखा व किसी प्रकार का कपड़ा बरामद होने की बात से साफ इंकार कर दिया।
हाल के दिनों में गंगा पर बालू घाटों पर अवैध कब्जे के लिए कई गैंग सक्रिय हो गए हैं। इनमें ज्यादातर नए हैं। कुछ ने अपने सरगना से अलग होकर नया गैंग बना लिया और बालू घाटों पर अवैध कब्जा करने लगे। कई बालू माफिया को पुलिस भी नहीं पहचानती है।
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