भारत

पाकिस्तान में मौजूद है दिलीप कुमार और राज कपूर का पैतृक घर, देखें तस्वीरें

jantaserishta.com
2 Oct 2020 3:18 AM GMT
पाकिस्तान में मौजूद है दिलीप कुमार और राज कपूर का पैतृक घर, देखें तस्वीरें
x

पाकिस्तान के पेशावर में मौजूद दिलीप कुमार और राज कपूर के पैतृक घरों को संरक्षित करने का फैसला किया गया है। हिंदी फिल्मों के दोनों जाने माने कलाकारों की पैदाइश भी पेशावर की इन्हीं हवेलियों में हुई थी। हालांकि अब ये खस्ताहाल हैं। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वाह सूबे के पुरातत्व विभाग ने संबंधित विभाग से कहा है कि वो दिलीप कुमार और राज कपूर के पैतृक घरों को सरकारी कब्जे में लें।

इस संबंध में जारी अधिसूचना में कहा गया है कि दोनों कलाकारों के फिलहाल बंद पड़े घरों को संरक्षित कर उनमें संग्रहालय बनाया जाएगा जहां इन कलाकारों के अलावा, एक अन्य प्रमुख बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान से संबंधित वस्तुएं भी संरक्षित की जाएंगी। पुरातत्व और संग्रहालय विभाग के निदेशक डॉक्टर अब्दुल समद ने पेशावर के आयुक्त को एक पत्र भेजा है जिसमें कहा गया है कि विभाग इन स्थानों को 'संरक्षित' घोषित करना चाहता है।

दिलीप कुमार का घर और कपूर की हवेली

विभाग का मानना है कि इससे सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। पत्र में आगे कहा गया है कि अगर ये जायदाद निजी स्वामित्व में हैं तो इसे अधिग्रहित किया जाना चाहिए। पेशावर के आयुक्त का कहना है कि इस सिलसिले में कार्रवाई शुरू कर दी गई है। दिलीप कुमार का घर पेशावर के मशहूर और ऐतिहासिक किस्सा ख्वानी बाजार के मोहल्ला खुदादाद में है। तब का आवासीय इलाका अब एक बड़े व्यापारिक केंद्र में तब्दील हो गया है।

दिलीप कुमार के नाम से मशहूर मोहम्मद यूसुफ खान का जन्म 11 दिसंबर, 1922 को इसी घर में हुआ था। दिलीप कुमार साल 1930 में अपने परिवार के साथ बॉम्बे (अब मुंबई) चले गए थे। 1988 में जब दिलीप कुमार पाकिस्तान गए थे तो उन्होंने पेशावर का भी दौरा किया था और अपने पुराने घर जाकर उसके दरवाजे को चूमा था और बचपन की यादों को लोगों से साझा किया था।

संग्रहालयों की स्थापना का प्रस्ताव

कपूर हवेली पेशावर के दिलगरां इलाके में है। बॉलीवुड को कई सुपरस्टार देने वाले कपूर परिवार की एक पीढ़ी इस हवेली में पैदा हुई थी। ये हवेली 1918 से 1922 के बीच बनवाई गई थी। राज कपूर भी इसी हवेली में पैदा हुए थे। मुल्क के विभाजन के बाद उनका परिवार भारत आ गया था। हालांकि दोनों कलाकारों के घरों के बड़े हिस्से ढह गए हैं और उनके वर्तमान मालिकों ने इमारतों को गिराने और प्लाजा बनाने की कई बार कोशिश की है, लेकिन प्रशासन ने उसे रोक दिया।

सरकारी कब्जे में आने के बाद इन इमारतों की मूल स्थिति को बहाल किया जाएगा जिसके बाद यहां संग्रहालयों की स्थापना होगी। संग्रहालयों में दिलीप कुमार और कपूर परिवार से संबंधित चीजें उनकी फिल्मों के रिकॉर्ड और यादगार वस्तुएं, साथ ही शाहरुख खान से संबंधित वस्तुओं को सहेजा जाएगा।

हिंसा की चपेट में आने से पहले पेशावर संस्कृति और कला का केंद्र था। अब हालात बेहतर हुए हैं तो सरकार ने यहां की पारंपरिक संस्कृति को पुनर्जीवित करने का अभियान शुरू किया है और 100 साल से अधिक पुरानी इमारतों को संरक्षित किया जा रहा है। पेशावर में ऐतिहासिक महत्व की 1800 इमारतें हैं और उन्हें चिन्हित करने की प्रक्रिया जारी है।

Next Story