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ED की कार्रवाई में जब्त की गई रकम पेटीएम की नहीं, कंपनी ने जारी किया बयान

Nilmani Pal
16 Sep 2022 9:44 AM GMT
ED की कार्रवाई में जब्त की गई रकम पेटीएम की नहीं, कंपनी ने जारी किया बयान
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दिल्ली। ED की कार्रवाई में जब्त की गई रकम पेटीएम की नहीं है. इस आशय में कंपनी ने एक बयान जारी किया और कहा - यह बिल्कुल झूठी खबर है, जैसा कि बाद में उसी हैंडल से स्पष्ट किया गया। जैसा कि हमारे एक्सचेंज फाइलिंग में उल्लेख किया गया है, ईडी ने हमें विशिष्ट मर्चेंट संस्थाओं के एमआईडी से कुछ राशि फ्रीज करने का निर्देश दिया है और इनमें से कोई भी फंड पेटीएम या हमारी समूह कंपनियों से संबंधित नहीं है।
बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने चीनी लोन ऐप के मामले में बड़ी कार्रवाई की है. ईडी ने Paytm, Easebuzz, Razorpay और Cashfree के बैंक खातों और वर्चुअल अकाउंट्स में रखे 46.67 करोड़ रुपए फ्रीज कर दिए हैं. ईडी ने कुछ दिन पहले ही चीनी लोन ऐप मामले में इन कंपनियों के दफ्तरों पर छापेमारी की थी.

ईडी ने 14 सितंबर को दिल्ली, गाजियाबाद, लखनऊ, मुंबई, बिहार के गया समेत छह ठिकानों पर छापे मारे थे. इसके अलावा ईडी ने HPZ लोन ऐप के खिलाफ दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली, गुरुग्राम, मुंबई, पुणे, चेन्नई, हैदराबाद, जयपुर, जोधपुर और बेंगलुरु में पेमेंट कंपनी PayTM, Easebuzz, Razorpay और Cashfree के 16 ठिकानों पर छापेमारी की थी.

क्या है मामला?

HPZ Token एप बेस्ड कंपनी है, जिसने यूजर्स को बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के नाम पर ज्यादा फायदा देने का वादा किया था. सबसे पहले यूजर्स को HPZ Token एफ द्वारा कंपनी में निवेश करने पर निवेश को दोगुना करने का लालच दिया गया था. यूजर्स से पेमेंट UPIs और अन्य पेमेंट गेटवे द्वारा लिया गया. शुरुआत में निवेशकों को आंशिक राशि का भुगतान भी किया गया. आरोप है कि बाकी राशि को विभिन्न भुगतान गेटवे और बैंकों के माध्यम से विभिन्न व्यक्तियों और कंपनी के खातों में ट्रांसफर कर दिया गया.

ईडी ने इसी महीने रेजरपे प्राइवेट लिमिटेड, कैशफ्री पेमेंट्स, पेटीएम पेमेंट सर्विसेज लिमिटेड और चीनी व्यक्तियों द्वारा संचालित संस्थाओं के परिसरों की तलाशी ली थी. तलाशी अभियान के दौरान पाया गया कि ये नकली एड्रेस के आधार पर काम कर रही हैं. चीनी व्यक्तियों द्वारा नियंत्रित संस्थाओं के मर्चेंट आईडी और बैंक खातों से 17 करोड़ रुपये की राशि जब्त की गई है.तलाशी अभियान के दौरान पाया गया कि ये नकली एड्रेस के आधार पर काम कर रही हैं.


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