कथित हिन्दू संगठन कर रहे चंदे के नाम पर लोगो से ठगी, मामला मुरादाबाद का
ये राम मंदिर का मॉडल है. मंदिर इसी तरह से बनकर तैयार होगा. निर्माण के लिए ही देशभर से चंदा इकट्ठा करने का अभियान चल रहा है. लेकिन चंदा किसे देना है-किसे नहीं, ये आपको बहुत सोच-समझकर तय करना है. (फाइल फोटो)
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में इसी तरह का एक केस दर्ज हुआ है. यहां राम मंदिर निर्माण के नाम पर कथित हिंदू संगठनों द्वारा ठगी की जा रही थी. राम मंदिर निर्माण से जुड़ी मुरादाबाद की समिति ने इसकी शिकायत दर्ज कराई है. FIR दर्ज हो गई है.
इस बारे में राम मंदिर निधि समर्पण समिति के मंत्री प्रभात गोयल ने बताया,
"16 जनवरी को हमारे कुछ कार्यकर्ता एक जगह चंदा मांगने गए तो लोगों ने कहा कि वो तो दो दिन पहले ही चंदा दे चुके. उन्होंने 21 रुपए और 25 रुपए की रसीदें भी दिखाईं. हमने पूछा कि चंदा किसको दिया तो उन्होंने कुछ लोगों के नाम बताए. हमने उन्हें फोन किया. पूछा कि क्या आप राम मंदिर के नाम पर चंदा जुटा रहे हैं तो वो बोले- हां. जबकि उनके पास राम मंदिर के नाम पर चंदा इकट्ठा करने का कोई अधिकार नहीं है."
प्रभात गोयल ने बताया कि इन लोगों ने राष्ट्रीय बजरंग दल के नाम से संगठन बनाया है. जिसका नाम विश्व हिंदू परिषद की युवा इकाई बजरंग दल से मिलता-जुलता है. गोयल का कहना है कि बजरंग दल को बदनाम करने के लिए मिलते-जुलते नाम से संगठन बनाकर ये काम किया जा रहा है.
उन्होंने ये भी बताया कि जो लोग वाकई चंदा इकट्ठा करने के अधिकारी हैं, उनके पास आपको 21 और 25 रुपए का कोई विकल्प मिलेगा ही नहीं. उनके पास 10, 100, और 1000 रुपए के कूपन हैं, जिन पर भगवान राम का चित्र है. कहा कि हमारे यहां कोई एक व्यक्ति चंदा लेने कभी नहीं जाता. जिस क्षेत्र में चंदा होता है, उस क्षेत्र की निश्चित टीम है, निश्चित पदाधिकारी हैं. वे ही जाते हैं
इससे पहले दिसंबर में भी कुछ-कुछ ऐसी ही एक घटना सामने आई थी. ऋषि बागरी नाम के व्यक्ति ने दावा किया था कि एक ही दिन में राम मंदिर के लिए 16 करोड़ रुपयों का वादा प्राप्त किया. बाद में श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के सचिव चंपत राय ने ट्वीट करके स्पष्ट किया कि वे इस नाम के किसी व्यक्ति को निजी तौर पर नहीं जानते. इसके बाद ऋषि बागरी ने ट्वीट डिलीट कर दिए.