लोक अदालत का लक्ष्य न कोई जीता न कोई हारा के सिद्धांत पर आपसी सौहार्द बनाकर प्रकरणों
जयपुर । वर्ष- 2023 की चतुर्थ एवं अंतिम राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारंभ राजस्थान उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एवं राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष न्यायाधिपति श्री मनिंद्र मोहन श्रीवास्तव द्वारा शनिवार को राजस्थान उच्च न्यायालय (नई बिल्डिंग) के परिसर में दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।
इस अवसर पर श्री श्रीवास्तव ने कहा कि न कोई जीता न कोई हारा के सिद्धांत पर आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत का लक्ष्य आमजन के मध्य सौहार्द बनाकर ज्यादा से ज्यादा प्रकरणों का निस्तारण करना एवं प्राचीन काल से प्रचलित सर्वे भवन्तु सुखिन: अर्थात सभी सुखी रहे की धारणा को साकार करना है। उन्होंने बताया इस बार आकाशवाणी, एफएम रेडियो, बल्क मैसेज, वीडियो वॉल आदि की मदद से राष्ट्रीय लोक अदालत हेतु जागरूकता अभियान भी चलाया गया।
राजस्थान उच्च न्यायालय के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश श्री श्रीवास्तव ने बताया कि जिला विधि प्राधिकरणों के सहयोग से 9 सितंबर 2023 तक लगभग 46,96,700 लंबित व प्री-लिटिगेशन प्रकरणों का निस्तारण किया जा चुका है। इस बार भी कुल 9,88,209 लंबित व प्री-लिटिगेशन प्रकरण सुनवाई हेतु रैफर किए गए है। राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन राजस्थान उच्च न्यायालय सहित प्रदेश के सभी अधीनस्थ न्यायालयों के साथ- साथ राजस्व न्यायालयों, उपभोक्ता मंचो एवं अन्य प्रशासनिक अधिकरणों में किया गया है।
कार्यक्रम में राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश श्री अनिल उपमन, न्यायाधीश श्री आशुतोष कुमार एवं न्यायाधीश श्री भुवन गोयल सहित राजस्थान उच्च न्यायालय, बार एसोसिएशन के सदस्य, रजिस्ट्री, राजस्थान उच्च न्यायालय एवं रालसा के पदाधिकारी, कर्मचारी एवं पक्षकारगण मौजूद रहे।