शिमला। बहुचर्चित क्रिप्टो करंसी स्कैम में नए-नए खुलासे होते जा रहे हैं। सामने आया है कि मुख्य आरोपियों ने क्रिप्टो करंसी के नाम पर मोटी कमाई कर कई संपत्तियां बनाईं और नए-नए बिजनैस में निवेश किया। शातिर आरोपियों को पहले से ही घोटाले का पर्दाफाश होने का अंदेशा था। ऐसे में उन्होंने हिमाचल की बजाय बाहरी राज्यों में महंगी-महंगी संपत्तियों को खरीदने में ज्यादा दिलचस्पी दिखाई।
कुछ आरोपियों ने शेयर मार्कीट में भी करोड़ों की राशि निवेश की। इसके साथ ही किसी ने पैट्रोल पंप तो किसी ने ईंट के भ_े, होटल, प्लाट और ट्रैवल एजैंसियों के नाम पर कई संपत्तियां अपने व रिश्तेदारों के नाम से बनाईं। सूत्रों के अनुसार मामले की जांच के तहत अब तक पकड़े गए 10 में से 7 आरोपी करोड़ों की संपत्ति के मालिक हैं। ऐसे में जांच टीम हर पहलू को खंगाल रही है। इसके तहत बाहरी राज्यों की पुलिस व अन्य संबंधित विभागों से भी तालमेल स्थापित किया गया है ताकि भोले-भाले लोगों के साथ धोखाधड़ी कर अर्जित संपत्तियों को भी जब्त किया जा सके। एस.आई.टी. अब तक 6 करोड़ से अधिक की संपत्ति फ्रीज कर चुकी है।
एस.आई.टी. का शिकंजा कसता देख कई आरोपी भूमिगत हो गए हैं। ऐसे में आरोपियों की धरपकड़ को लेकर एस.आई.टी. को खासी मशक्क त करनी पड़ रही है। सूत्रों के अनुसार एस.आई.टी. की कुछ टीमें बाहरी राज्यों में भी सक्रिय हैं। क्रिप्टो करंसी स्कैम की छानबीन में विभिन्न माध्यमों से 2300 करोड़ रु पए की ट्रांजैक्शन होने के तथ्य सामने आ चुके हैं। आने वाले समय में यह आंकड़ा बढ़ भी सकता है। सूचना के अनुसार एस.आई.टी. के पास अभी भी धोखाधड़ी की शिकायतें पहुंच रही हंै।