नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में 37 हिन्दू परिवारों और सौ हिन्दुओं का जबरन धर्म परिवर्तन कराने के मामले में आरोपित मौलवी वरयाव अब्दुल वहाब को अग्रिम जमानत दे दी है। आरोपित गुजरात का एक इस्लामिक स्कॉलर है। जस्टिस एमआर शाह की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि आरोपित कोर्ट के पिछले आदेश के मुताबिक पूछताछ के लिए जांच अधिकारी के सामने पेश हुआ था।
कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को जमानत की शर्तें तय करने का निर्देश दिया। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे ने दलीलें रखीं, जबकि गुजरात सरकार की ओर से वकील कानू अग्रवाल ने अपना पक्ष रखा। सुनवाई के दौरान अग्रवाल ने कहा कि याचिकाकर्ता पूछताछ के दौरान टालमटोल वाला जवाब दे रहा है और इसलिए उसकी हिरासत में लेकर जांच की जरूरत है। उनकी इस दलील का दुष्यंत दवे ने खंडन किया।
इसके पहले गुजरात हाई कोर्ट ने मौलवी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। उस पर आरोप है कि उसने लोगों को धन का लालच दिया और सरकारी धन से बने एक घर को इबादतगाह में बदल दिया। मौलवी के खिलाफ धर्म की स्वतंत्रता अधिनियम की धारा 4 और भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 153(बी)(1)(सी) और 506(2) के तहत एफआईआर दर्ज किया गया था।