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आरोपी की मौत, सिगरेट चोरी मामले में हुआ था गिरफ्तार

Nilmani Pal
24 Feb 2022 6:49 AM GMT
आरोपी की मौत, सिगरेट चोरी मामले में हुआ था गिरफ्तार
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राजधानी से बड़ी खबर
दिल्ली। ''सिगरेट चुराने'' के आरोप में जेल में बंद 19 वर्षीय एक कैदी (prisoner) की यहां एक अस्पताल में मौत हो गई, जिसके बाद उसके पिता ने बुधवार को आरोप लगाया कि बेटे की जेल (Jail) में हत्या की गई. आरोपी के पिता ने मांग की है कि उनके बेटे की मौत के मामले की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI)) से जांच कराई जाए. बहरहाल, जेल प्राधिकारियों ने कहा है कि''मौत की वजह प्राकृतिक (Natural) प्रतीत होती हैं.''

दुकान से सिगरेट चुराने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था युवक

रिक्शा चालक मोहम्मद याकूब ने बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पुलिस ने उसके बेटे जीशान को''एक दुकान से सिगरेट का एक पैकेट चुराने के'' आरोप में में गिरफ्तार किया था. वह तीन महीने से तिहाड़ जेल में बंद था. इस बीच हम जीशान से दो बार मिले, लेकिन उसने हमें कुछ नहीं बताया. हमें 15 फरवरी को एक फोन पर बताया गया कि''आपके बेटे की हालत गंभीर है. हम जब अस्पताल पहुंचे, तो हमने जीशान को मृत पाया. उसकी (जेल में) हत्या की गई. हम सीबीआई जांच की मांग करते हैं. मेरे बेटे को न्याय मिलना चाहिए.''

पुलिस ने किया था आरोपी के पिता के पास फोन

इस संवाददाता सम्मेलन का प्रबंध करने वाले मानवाधिकार संगठन 'जन हस्तक्षेप' ने कहा ''पूर्वी दिल्ली के निवासी जीशान के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 457 (रात में मकान में चोरी छुपे घुसना, जिसके लिए पांच साल तक कारावास की सजा दी सकती है) और धारा 380 (आवास, मकान आदि में चोरी करना, जिसके लिए सात साल तक की कैद का प्रावधान है) के तहत 19, नंवबर 2021 को मामला दर्ज किया गया था. जीशान के माता-पिता को हरि नगर पुलिस थाने से 15 फरवरी को किए गए फोन पर बताया गया कि उनके बेटे का स्वास्थ्य खराब है और उसे डीडीयू (दीन दयाल उपाध्याय) अस्पताल में भर्ती कराया गया है.''

शव पर थे चोट के गंभीर निशान

संगठन ने कहा,''उन्हें अस्पताल पहुंचने पर बताया गया कि उनके बेटे की मौत हो गई है और उन्हें उसका शव दिखाया गया. शव पर चोट के गंभीर निशान थे, जिनसे पता चलता है कि वह बीमार नहीं था, बल्कि उसे बुरी तरह पीटा गया था.'' जन हस्तक्षेप' ने अपने बयान में यह भी मांग की कि सेंट्रल जेल संख्या पांच के जेल अधीक्षक को उसकी निगरानी में कैदी की सुरक्षा करने में''विफल'' रहने के लिए तुरंत निलंबित किया जाना चाहिए और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की निगरानी में मामले में तुरंत जांच शुरू की जानी चाहिए.

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