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लव जिहाद और धर्मांतरण का शिकार
जनता से रिश्ता वेबडेस्क :- यूपी का लखीमपुर (Uttar pradesh Lakhimpur) नेपाल (Nepal) से सटा जिला है. इस जिले का पलिया इलाका वो इलाका है जहां थारूआदिवासी रहते हैं. जो सालों से इसी इलाके में सिमटे हुए हैं और मानो यही इनका संसार है लेकिन अब इन आदिवासियों के इस छोटे से संसार पर मानो किसी की बुरी नजर पड़ गई है जिसकी वजह से यहां की हवा बदलने लगी है. यूपी के अलग अलग हिस्से से लगातार धर्मांतरण और लव जिहाद के मामले सामने आ रहे हैं जिन पर कार्रवाई भी हो रही है, लेकिन वही नापाक निगाहें अब इन थारू जनजाति के लोगों पर पड़ गयी है.
जिससे लगातार लव जिहाद और धर्मांतरण के मामले सामने यहां बढ़ रहे हैं.
आदिवासियों का कराया जा रहा है धर्म परिवर्तन
नेपाल बॉर्डर से सटे पलिया इलाके में मुस्लिम आबादी तेजी से बढ़ रही है दावा किया जा रहा है कि बीते 5 सालों में इस इलाके में 1000 नए वोटर्स बढ़ गए है जो मुस्लिम है. बाहरी जिलों से मुस्लिम यहां आकर बस रहे हैं तो आदिवासियों को भी धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है. सबसे चौका देने वाली बात तो ये है कि यहां बड़े पैमाने पर लव जिहाद के मामले भी सामने आए है. कोई एक गांव नहीं बल्कि थारू वनवासियों के ज्यादातर गांवो का यही हाल है. टीवी 9 भारतवर्ष की टीम बॉर्डर से सटे चंदन चौकी, मंगला पुरवा, गौबरौला, बुद्धा पुरवा और सूरमा गांव पहुंची तो चौका देने वाली जानकारी सामने आई. इन गांवो में कई सालों से थारू लड़कियों को लव जिहाद मिशन के तहत फंसाया जा रहा है.
लालच देकर बेटी को फंसाया गया
सुरमा गांव जो जंगलों के बीचों बीच है गांव तक कच्चा रास्ता है बारिश होने पर दलदल बन जाता है. इस गांव तक पहुंचने के लिए हमारी टीम को ट्रेक्टर का सहारा लेना पड़ा था. इस गांव के रहने वाले हरिश्चन्द्र के चार बच्चे है उनकी 18 साल की बेटी को एक लड़के से प्यार हो गया शादी होने के बाद कुछ दिन दोनों बाहर रहे फिर जब लड़का अपने घर पहुंचा तो पूजा करने के तरीके से पता चला वो मुस्लिम है. ये सच जानकर हरिश्चन्द और उनकी बेटी के पैरों तले जमीन खिसक गई लेकिन अब लोक लाज के भय से बेटी वहीं पर है. हरिश्चन्द बताते है उनकी बेटी के साथ धोखा किया गया लालच देकर उनकी बेटी को फंसाया गया है
इसी गांव के गोविंद की कहानी तो और परेशान करती है गोविंद की 15 साल की नाबालिक बेटी को गांव में फेरी लगाने वाले एक लड़के ने लालच देकर बहला फुसला लिया और शादी कर ली बेटी को शादी के बाद पता चला वो मुस्लिम है लड़के की पोल खुलते ही वो लड़की को मारने पीटने लगा और घर से निकाल दिया. गोविंद और हरिश्चन्द के साथ ही बबरौली के कलावती की बेटी के साथ भी ऐसा ही वाकया हुआ है. जिसका सदमा कलावती के चेहरे पर आज भी दिखाई देता है.
मजबूरी में बहन को भी अपना पड़ा मुस्लिम धर्म
गौबरौला गांव की रवीना बेटी भी लव जिहाद का शिकार बनी जिसके बाद उसकी माँ की जुबां बंद हो गयी है. अब वो सुनती सब है लेकिन बोलती नहीं है. रवीना के भाई रामनाथ का कहना है कि मुस्लिम लड़का बहला फुसला कर उसकी बहन को ले गया सब लोग मजबुर थे न चाहते हुए भी उसे जाने दिया बाद में पता चला कि वो मुस्लिम है और उनकी बहन ने भी मुस्लिम धर्म अपना लिया है.
बुद्ध पुरवा गांव के बलराम और उनकी पत्नी परदेसनी बताते है कि उनकी बेटी पढ़ने जाया करती थी. वहां पहचान छिपाकर एक लड़के ने उनकी लड़की को लालच से बहला फुसला लिया और शादी कर ली हालांकि शादी से पहले लड़के के मुस्लिम होने के बारे में पता चला तो उन्होंने मना भी किया थी
आदिवासियों के मन में मुस्लिमों को लेकर है बहुत गुस्सा
थारू आदिवासियों की बेटियां बाहर पढ़ने जाती है ऐसे में लव जिहाद की इस तरह की घटनाओं से थारुओं के परिवार डरे हुए रहते है लव जिहाद की बड़े पैमाने पर हो रही घटनाओं को लेकर मुस्लिमों को लेकर इनके मन में गुस्सा भी साफ दिखाई देता है. गौबरौला गांव की आशा, बहू शांति देवी बताती है कि इस तरह के मामलों को देखते हुए वो खुद बच्चियों को समझाने की कोशिश कर रही है वो किसी के बहकावे में ना आये. उसके लिए उन्हें जागरूक भी किया जा रहा है उन्होंने बताया कि मुस्लिमो के पहले दो चार ही घर थे अब उनकी संख्या 100 से ज्यादा हो गई है.
समपन्न लोग भी सीमा सटे इन इलाकों में बस रहे हैं
लव जिहाद मिशन के साथ ही इस इलाके में चुपचाप धर्मांतरण भी चल रहा है. बुद्ध पुरवा गांव के बड़का के छोटा भाई थारू से मुस्लिम हो गया है बड़का बताते है उसे दहेज का लालच देकर धर्म बदलवा दिया गया था. वन कानून के मुताबिक जंगलो की जमीन पर केवल वनवासियों के ही पट्टे हो सकते है लेकिन यहां तो जंगलों की जमीन पर मुस्लिम गांव बस गए है ऐसा ही एक गांव रामगढ़ है जहां बीते सालों में तेजी से आबादी बढ़ रही है. ये आबादी परिवार बढ़ने से नहीं बल्कि यहां बाहरी लोगों के आने से बढ़ रही है सीमा से सटे जंगली बुनियादी सुविधाओं से दूर इन इलाकों में बाहरी जिलों के संपन्न लोग भी बस रहे है ऐसी जगहों पर उनके रहने का वाजिब कारण भले वो न बताते हो लेकिन उनकी मंशा पर सवाल जरूर खड़े हो जाते है.
वीएचपी नेता का कहना ये है बड़ी साजिश
चंदन चौकी इलाके के रहने वाले मुकेश बंसल बताते है कि ये जनजाति इलाका है लेकिन इसके बाबजूद यहां मुस्लिम वोटों में बढ़ोत्तरी हो रही है. कोरोना काल मे यहां संदिग्ध रोहिंग्या भी थे. उन्होंने खुद इस मामले की जानकारी पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारियों को दी है, लेकिन कोई खैर खबर नहीं लेता बल्कि यहां के अपराधी इनको संरक्षण देते है वीएचपी नेता संजय मिश्रा को इसमे बड़ी साजिश नजर आती है जिसके तार सीमा पर नेपाल से भी जुड़े हो सकते है. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा का कहना है कि राज्य में धर्मांतरण को लेकर कानून है ऐसे में अगर लव जिहाद जैसा कोई मामला सामने आता है तो उसकी जांच कराई जाएगी.
आदिवासियों के सीधेपन का उठाया जा रहा है फायदा
थारू आदिवासी स्वभाव से बहुत सीधी होते है और अपराधों के लिए थाने में जाने के बजाय अपने गांव की पंचायत में मामले निपटा लेते है और इसी बात का फायदा यहां के धर्मांतरण गैंग के लोग उठा रहे है.
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