
शिमला। आईजीएमसी शिमला में पिछले दो दिन में करीब 800 मरीज क्रसना लैब के ठप होने का खामियाजा भुगत चुके हैं। दूरदराज से उपचार को पहुंचे इन मरीजों को चिकित्सकीय जांच के बाद टेस्ट करवाने की सलाह दी गई थी, लेकिन लैब में हड़ताल होने की वजह से उनके टेस्ट नहीं हो पाए। इन मरीजों …
शिमला। आईजीएमसी शिमला में पिछले दो दिन में करीब 800 मरीज क्रसना लैब के ठप होने का खामियाजा भुगत चुके हैं। दूरदराज से उपचार को पहुंचे इन मरीजों को चिकित्सकीय जांच के बाद टेस्ट करवाने की सलाह दी गई थी, लेकिन लैब में हड़ताल होने की वजह से उनके टेस्ट नहीं हो पाए। इन मरीजों को अपने टेस्ट निजी लैब में करवाने पड़े हैं। आईजीएमसी में औसतन 500 मरीज रोजाना टेस्ट करवाने के लिए पहुंचते हैं।
आईजीएमसी में टेस्ट से वंचित मरीजों ने सरकार और क्रसना लैब के बीच चल रहे विवाद को जल्द सुलझाने का आह्वान किया है। क्रसना डायग्नोस्टिक लैब के कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज और अस्पताल शिमला में मरीजों को दिक्कतें पेश आ रही हैं। मरीजों ने बताया कि चिकित्सक उपचार से पहले टेस्ट के लिए लिखते हैं और यह टेस्ट क्रसना लैब में न होने की वजह से उन्हें निजी लैब में करवाने पड़ रहे हैं।
अकाश निवासी ढली ने बताया कि क्रसना डायग्नोस्टिक लैब के बंद होने से उन्हें टेस्ट निजी लैब से करवाना पड़ा और इसके लिए उन्हें पैसे देने पड़े हैं। उधर, आईजीएमसी अस्पताल शिमला में क्रसना डायग्नोस्टिक लैब की प्रभारी डा. यामनी ने बताया कि क्रसना डायग्नोस्टिक और हिमाचल प्रदेश सरकार के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए हैं। इसके अनुसार क्रसना डायग्नोस्टिक लैब प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में मरीजों मुफ्त में टेस्ट करवाती है और इन टेस्ट के बिलों का भुगतान राज्य सरकार राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत करती है। उन्होंने बताया कि सरकार ने अप्रैल के बाद से इन बिलों का भुगतान नहीं किया है। इससे यह हड़ताल हो रही है। क्रसना डायग्नोस्टिक प्रबंध के आदेशानुसार आईजीएमसी अस्पताल में लैब 10 दिसंबर सुबह आठ बजे से बंद है।
