भारत
आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू और उसके संगठन की नए सिरे से कमर तोड़ने की तैयारी
jantaserishta.com
15 Nov 2022 9:18 AM GMT
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नई दिल्ली (आईएएनएस)| केंद्रीय गृह मंत्रालय ने प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस और उसके संस्थापक गुरपतवंत सिंह पन्नू की कमर तोड़ने की तैयारी शुरू कर दी है। सूत्रों के मुताबिक इंटरपोल द्वारा पन्नू के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने से इनकार के बाद अब नए सिरे से उसके अपराधों का कच्चा चिट्ठा तैयार किया जा रहा है। इसके लिए एनआईए के साथ साथ देश की अन्य जांच एजेंसियों को समन्वय कर इसका जिम्मा सौंपा गया है। जानकारी के मुताबिक पिछले महीने खबर सामने आई थी कि इंटरपोल ने गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ भारत की मांग पर रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने से इनकार कर दिया। सूत्रों के अनुसार इसको लेकर गृह मंत्रालय में पिछले दिनों हुई एक बैठक में एनआईए को जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वो सभी एजेंसियों से तालमेल बनाकर एक नया डोजियर तैयार करे। इसके लिए एनआईए को नए सिरे से एफआईआर दर्ज करने सहित सभी कानूनी पहलुओं को पुख्ता करने के निर्देश दिए गए हैं।
सूत्रों ने बताया कि एनआईए को आईबी, ईडी, रॉ व दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल सहित संबंधित राज्यों की पुलिस के साथ मिलकर काम करने को कहा गया है। गृह मंत्रालय की तरफ से विभिन्न एजेंसियों से कहा गया है कि वे खालिस्तान मूवमेंट और पन्नू से जुड़ी हर छोटी बड़ी बात को साझा करें।
केंद्रीय एजेंसियों के पास जानकारी है कि गुरपतवंत सिंह पन्नू और उसका संगठन अब पंजाब के अलावा दिल्ली, हरियाणा, यूपी, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भी पांव पसार रहा है। यही वजह है कि पिछले दिनों राज्यों की पुलिस से भी जानकारी साझा करने की बात कही गई है।
वहीं दूसरी तरफ जानकारी के मुताबिक जांच एजेंसियों द्वारा पन्नू की गतिविधियों जिनमें खालिस्तान के लिए जनमत संग्रह, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की मदद से भारत में तोड़फोड़ की गतिविधियां, किसान व युवाओं को बरगलाना और अपने गुर्गों तक हथियार एवं आईईडी आदि विस्फोटक सामग्री पहुंचाना शामिल हैं, को विशेष ऑपरेशन के तहत काउंटर किया जा रहा है। खालिस्तानी संगठन की मदद से पंजाब व दूसरे सीमावर्ती राज्यों में जो राष्ट्र विरोधी गतिविधियां शुरू की गई हैं, उनकी जड़ों पर भी प्रहार करने की रणनीति तैयार की जा रही है।
गौरतलब है कि जुलाई 2020 में भारत सरकार ने गुरपतवंत सिंह पन्नू को संशोधित यूएपीए कानून के तहत आतंकवादी घोषित किया हुआ है। इसके ऊपर पंजाब सहित अलग अलग राज्यों में 22 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। इनमें से कई मामले एनआईए ने अपने पास स्थानांतरित कर लिए हैं।
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