भोपाल: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में इन दोनों आवारा कुत्तों का आतंक चरम पर है। हर रोज 50 से ज्यादा कुत्तों के काटने के मामले सामने आ रहे हैं। एक पखवाड़े में तो दो बच्चों की जान तक चली गई। राजधानी में आवारा कुत्ते मुसीबत का सबक बने हुए हैं। यहां के मिश्रा इलाके …
भोपाल: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में इन दोनों आवारा कुत्तों का आतंक चरम पर है। हर रोज 50 से ज्यादा कुत्तों के काटने के मामले सामने आ रहे हैं। एक पखवाड़े में तो दो बच्चों की जान तक चली गई।
राजधानी में आवारा कुत्ते मुसीबत का सबक बने हुए हैं। यहां के मिश्रा इलाके में 4 साल के बच्चे को लगभग 15 दिन पहले एक कुत्ते ने काट लिया था उसका हमीदिया अस्पताल में इलाज चला और उसके बाद अचानक तबीयत बिगड़ने पर उसकी मौत हो गई।
इससे पहले 6 माह के एक मासूम को मिनल रेजिडेंसी के पास कुत्तों ने अपना निवाला बनाया। राजधानी के तमाम अस्पतालों में हर रोज 50 से ज्यादा लोग कुत्तों के काटने के बाद इलाज कराने पहुंच रहे हैं। बीते एक पखवाड़े में कुत्तों के काटने की घटनाओं में इजाफा हुआ है और बच्चों की जान तक पर बनाई है।
नगर निगम की ओर से यही दावा किया जा रहा है कि आवारा कुत्तों को पकड़ने से लेकर उनकी नसबंदी कराने की मुहिम जारी है। नगर निगम की आयुक्त फ्रैंक नोबल का कहना है कि कुत्तों की नसबंदी और वैक्सीनेशन ही एकमात्र उपाय है। साथ ही डॉग सेंटर में भी क्षमता बढ़ाई जा रही है। शिकायत जब भी मिलती है तो कुत्तों को सेंटर पर भेज दिया जाता है। नगर निगम की ओर से भले ही इन घटनाओं को रोकने के दावे किए जा रहे हों, मगर हकीकत में हर रोज आवारा कुत्तों की काटने की बढ़ती घटनाएं सवाल तो खड़े करते ही हैं।