कुत्तों का आतंक, याचिका पर हाईकोर्ट ने निगम और राज्य सरकार से माँगा जवाब
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गुजरात। गुजरात के कई शहरों में आवारा कुत्तों के खतरे के संबंध में जनहित याचिका पर मंगलवार को हाई कोर्ट ने सुनवाई की और कहा- आवारा कुत्तों के खतरे के कारण लोग मॉर्निंग वॉक पर नहीं जा पा रहे हैं. कोर्ट ने यह भी कहा कि आवारा कुत्तों के खतरे को रोकना निगम की प्राथमिक जिम्मेदारी है.
गुजरात हाई कोर्ट में मंगलवार को आवारा कुत्तों के खतरे को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. यह भी जानकारी दी गई कि अकेले अहमदाबाद में आवारा कुत्तों के काटने के 60 हजार से ज्यादा मामले कैसे हो गए हैं. इसके अलावा, गुजरात के अलग-अलग शहरों में भी आंकड़े काफी ज्यादा हैं. तीन साल पहले आवारा कुत्तों की समस्या को लेकर जनहित याचिका दायर की गई थी. हालांकि मामले में सुनवाई चल रही थी. अहमदाबाद नगर निगम ने अदालत से कहा कि वे इस मामले में सिर्फ औपचारिक पक्षकार हैं. जिस पर कोर्ट ने कहा कि वे औपचारिक पक्षकार कैसे हो सकते हैं? आवारा कुत्तों के खतरे को रोकना निगम की प्राथमिक जिम्मेदारी है.
मामले पर सुप्रीम कोर्ट की रोक के कारण गुजरात हाई कोर्ट ने केस को स्थगित कर दिया. AMC और सरकार को अगली तारीख में जवाब देना होगा. मामले में अगली सुनवाई 17 अप्रैल को होगी..