कैथल। कैथल शहर में बाइक चोरी की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। पिछले कुछ दिनों से तो बाइक चोर गिरोह ने मानो शहर में आतंक मचा रखा है। जिनके हौसले इस कदर बढ़ गए हैं कि अब वह केवल रात को ही नहीं बल्कि दिन में भी चोरी करने से नहीं घबराते। आलम ये है कि शहर का कोई कोना वाहनों के लिए सुरक्षित नहीं बचा है। जिला सचिवालय, कोर्ट, अस्पताल, पार्क, कॉलोनी हर जगह चोर गिरोह के सदस्य पांव पसार चुके हैं। शहर की सुरक्षा व्यवस्था का अंदाज यहीं से लगा लीजिए कि डीसी कोठी के सामने भी वाहन रोकना सुरक्षित नहीं है। सार्वजनिक स्थान पर बाइक रोककर 10 मिनट के लिए भी इधर-उधर हुए तो वापसी में बाइक सुरक्षित मिल जाना अच्छी किस्मत से कम नहीं होगी। बाइकों के बाद अब चोरों ने गाड़ियों को भी निशाना बनाना शुरू कर दिया है। अमूमन सबसे ज्यादा बाईक चोरी थाना सिविल लाइन क्षेत्र में होती हैं। जिनको ज्यादातर जिले के बाहर के चोर ही अंजाम देते हैं।
शहर का ऐसा कोई कोना नहीं बचा जहां से वाहन चोरी न हो रहे हैं, लेकिन कुछ स्थान ऐसे हैं जहां वाहन चोरी की वारदात सबसे ज्यादा हो रही है। जिला सचिवालय व कोर्ट वाहन चोरों के सबसे पसंदीदा स्थान बन चुके हैं। शहर में सबसे ज्यादा वाहन कोर्ट व जिला सचिवालय के पास से ही चोरी होती हैं। वाहनों के मामले में सिविल अस्पताल शहर का दूसरा सबसे असुरक्षित स्थान हैं। इसके अलावा प्राइवेट अस्पताल, पार्क, मैरिज पैलेस, कोचिंग सेंटर, शॉपिंग मॉल व बस स्टैंड से भी बड़ी संख्या में वाहन चोरी किए जाते हैं।
गांव रसूलपुर निवासी मनजीत आर्य ने बताया कि वह कोर्ट में टाइपिस्ट का कार्य करता है और हरोज की तरह चार नवम्बर को भी उसने सुबह 9 बजे अपनी बाईक सचिवालय परिसर में खड़ी की थी लेकिन दोपहर 11 बजे जब उसने काम निपटाने के बाद अपनी बाईक देखी तो वह चोरी हो चुकी थी। उसने इस मामले की सूचना तुरंत ही पुलिस को दी, लेकिन आज तक भी उसकी बाईक चोरी करने वालों को पुलिस नही पकड़ पाई। सीआईए पुलिस ने इस साल अलग अलग मामलों में तीन बाइक चोर गिरोह का भंडाफोड़ किया है। जिसमे पुलिस ने सात आरोपियों से 30 बाईक बरामद की हैं। जिनमे चोरी करने वाले ज्यादातर आरोपी बहार के रहने वाले हैं। जो कैथल में आकर किराए पर रहते हैं और फिर वारदात को अंजाम देने के बाद बाईक चोरी करके दुसरे जिलों में बेच देते हैं। चोरी के मामलों में ज्यादा आरोपी नाबालिक होते हैं। जो नशे की लत में पड़ जाते है और उसे पूरा करने के लिए सबसे वह बाईक व छोटी मोटी चोरी करते है और फिर धीरे-धीरे अपना एक गिरोह बना चोरी की बड़ी घटनाओं को अंजाम देते हैं।
जिले में बढ़ रहे वाहन चोरी के मामलों को देखते हुए कैथल एसपी उपासना ने करीब एक साल बाद दोबारा फिर से एंटी व्हीकल थेफ्ट सेल शुरू कर दी है। जिसका काम केवल चोरी सुधा वाहनों को ढूंढ कर चोरी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करना है। बता दें कि एक साल पहले कैथल के तत्कालीन एसपी मकसूद अहमद के समय इस सेल को बंद कर दिया गया था परंतु अब फिर बढ़ रही चोरी की वारदातों पर लगाम लगाने के लिए इसे शुरू कर दिया है। इसका इंचार्ज सब इंस्पेक्टर राजेंद्र को लगाया गया है जो पहले भी चोरी की काफी वारदातों को ट्रेस कर चुके हैं। अब देखना होगा की एंटी व्हीकल थेफ्ट सेल शुरू से बाइक चोरी की घटनाएं कितनी कम होती हैं। सिविल लाइन एस.एच.ओ. नरेश कुमार ने बताया कि बाइक चोरों को पकड़ने के लिए एसपी मैडम के आदेश अनुसार स्पेशल अगस्त की जा रही है। इसके साथ ही सिविल ड्रेस में भी पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है। वाहन चोरी की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए वह खुद भी गस्त करते रहते है।