कोलकाता। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस और राज्य सरकार के बीच पहले से ही जारी तनावपूर्ण संबंध और बिगड़ते नजर आ रहे हैं। दरअसल, राजभवन ने एक सर्कुलर जारी किया है। इसमें कहा गया है कि राज्यपाल उन 14 विश्वविद्यालयों में "कुलपतियों के कर्तव्यों का निर्वहन" करेंगे जहां अंतरिम वीसी की नियुक्ति होनी बाकी है। गुरुवार रात जारी किए गए सर्कुलर में कहा गया है, “यह देखा गया है कि पश्चिम बंगाल के कुछ राज्य विश्वविद्यालयों में जहां वीसी के पद खाली हैं, वहां छात्रों को डिग्री प्रमाणपत्र और अन्य दस्तावेज प्राप्त करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। उन्हें राहत देने के लिए, पश्चिम बंगाल के महामहिम राज्यपाल ने कुलाधिपति के रूप में नए अंतरिम कुलपतियों की नियुक्ति होने तक इन विश्वविद्यालयों में कुलपतियों के कर्तव्यों का निर्वहन करने का निर्णय लिया है। सर्कुलर में यह भी कहा गया है कि छात्र राजभवन के शांति कक्ष से संपर्क कर सकते हैं और 'अमने सामने' कार्यक्रम के तहत ऑनलाइन पंजीकरण के बाद सर्किट हाउस में राज्यपाल से भी मिल सकते हैं।
सर्कुलर में कहा गया, "छात्र अपनी शिकायतें amnesaamne.rajbhavankolkata@gmail.com पर ईमेल कर सकते हैं या शांति कक्ष से 03322001642 पर संपर्क कर सकते हैं। वे राजभवन में या दौरे के दौरान या दौरे के दौरान सर्किट हाउस में 'आमने समान' कार्यक्रम के तहत ऑनलाइन पंजीकरण के साथ राज्यपाल से आमने-सामने भी मिल सकते हैं। माननीय राज्यपाल छात्रों से मिलने के लिए विश्वविद्यालयों का लगातार दौरा भी करेंगे।" सर्कुलर में, राजभवन ने यह भी घोषणा की कि डॉ राज कुमार कोठारी को पश्चिम बंगाल राज्य विश्वविद्यालय का कार्यवाहक कुलपति नियुक्त किया जाएगा। इस नियुक्ति पर शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की।
पश्चिम बंगाल सरकार और राजभवन के मध्य बढ़ते मतभेदों के बीच, राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि राज्यपाल राज्य विश्वविद्यालयों में अंतरिम कुलपतियों की नियुक्ति में मनमाने ढंग से काम कर रहे हैं। बसु ने कहा कि यदि राज्यपाल सी वी आनंद बोस राज्य की सहमति के बिना कुलपतियों की एकतरफा नियुक्ति जारी रखते हैं तो सरकार कानूनी रास्ता अपनाने के लिए "मजबूर" होगी। उन्होंने उन खबरों पर निराशा भी व्यक्त की कि राज्यपाल ने नियुक्तियां होने तक राज्य के 20 अन्य विश्वविद्यालयों में से 14 में कार्य निर्वहन की जिम्मेदारी ले ली है।