तमिलनाडु। मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने रविवार को कहा कि मंदिर किसी की निजी संपत्ति नहीं है और यह आम जनता के लिए है। मुख्यमंत्री रविवार को तिरुवनमियुर के अरुलमिगु मारुं टेश्वर मंदिर में सामूहिक विवाह समारोह की अध्यक्षता करने के बाद बोल रहे थे। स्टालिन ने कहा कि लोकतंत्र हो या राजशाही, मंदिर लोगों के लिए होते हैं, मंदिर किसी की निजी संपत्ति नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोग इस बात को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं, इसलिए वे झूठ फैला रहे हैं और कीचड़ उछाल रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि स्थिति को बदलने के लिए जस्टिस पार्टी द्वारा हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती (एचआर एंड सीई) विभाग की स्थापना की गई थी। समारोह में कुल 31 जोड़े परिणय सूत्र में बंधे जिसके बाद मुख्यमंत्री ने उन्हें 'सेवरिसाई' या उपहार बांटे। स्टालिन ने दावा किया कि तमिलनाडु में द्रमुक सरकारों के दौरान अधिक मंदिरों का अभिषेक किया था, जैसा कि उन्होंने अपने पिता एम. करुणानिधि के शासन के उदाहरणों का हवाला दिया।
स्टालिन ने यह भी कहा कि मौजूदा सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि सभी जातियों के पुरुषों को 'अर्चक' या पुजारी के रूप में नियुक्त किया जाए। उन्होंने कहा, द्रमुक सरकार द्रविड़ विचारक थंथई पेरियार की इच्छाओं को पूरा कर रही है।