तेलंगाना की राजनीति: TRS नेताओं को लेकर पुलिस ने किया बड़ा दावा
तेलंगाना। तेलंगाना में टीआरएस विधायकों की खरीद फरोख्त के आरोपों से राजनीति गरमाई हुई है. हाल में साइबराबाद पुलिस ने तेलंगाना के विधायकों को खरीदने के मामले में कथित संलिप्तता के लिए तीन लोगों को पेश किया. आरोप था कि विधायकों को राज्य सरकार को अस्थिर करने का लालच दिया गया था. हालांकि, तेलंगाना के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) अदालत ने तीनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजने के अनुरोध को खारिज कर दिया और उनकी रिहाई का आदेश दे दिया.
अदालत के आदेश के बाद आरोपी रामचंद्र भारती, नंदा कुमार और सिंह्याजी स्वामी को पुलिस ने गुरुवार को रिहा कर दिया. भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के विधायकों की शिकायत में भाजपा की ओर से खरीद फरोख्त की कोशिश के बारे में सूचित किया गया था, जिसके बाद पुलिस ने बुधवार शाम रंगा रेड्डी जिले के एक फार्महाउस से इन तीन लोगों को गिरफ्तार किया था. पुलिस के अनुसार, टीआरएस विधायक पायलट रोहित रेड्डी, रेगा कंथाराव, गुववाला बलाराजू और बीरम हर्षवर्धन को नकद, चेक और कॉन्ट्रैक्ट के साथ खरीदने की कोशिश की गई थी. इस बीच, आरोपी स्वामी और टीआरएस नेता रोहित रेड्डी के बीच एक फोन कॉल पर कथित बातचीत ने भी विधायकों की पोचिंग के विवाद को नया मोड़ दे दिया है.
साइबराबाद पुलिस ने अदालत के समक्ष अपनी रिमांड रिपोर्ट में कहा कि बीआरएस विधायक रोहित रेड्डी के कुर्ते में कैमरा और दो वॉयस रिकॉर्डर छिपे हुए थे. पुलिस ने कहा कि अन्य तीन विधायक रेड्डी की मदद के लिए उनके फार्महाउस पहुंचे हुए थे. दोपहर 3.05 बजे, छिपे हुए कैमरों को चालू किया गया और रोहित रेड्डी ने आरोपियों के साथ हॉल में प्रवेश किया. बीआरएस के अन्य विधायक रेगा कंथाराव, गुववाला बलाराजू और बीरम हर्षवर्धन शाम 4.10 बजे पहुंचे थे.
पुलिस ने बताया कि टीआरएस विधायकों और आरोपियों के बीच लगभग साढ़े तीन घंटे बातचीत हुई. इसके बाद सिगनल के रूप में रोहित रेड्डी ने 'नारियल पानी; लाने को कहा. जैसे ही रोहित ने ये सिग्नल दिया तभी पुलिस की टीम अंदर आ गई. पुलिस ने बताया कि हर विधायक को 50 करोड़ देने की बात वाइस रिकॉर्डर में रिकॉर्ड हो गई है.
रिमांड रिपोर्ट में ये भी बताया गया कि इस रिकॉर्डिंग में रामचंद्र भारती और सतीश शर्मा को ये कहते भी सुना गया कि कर्नाटक, दिल्ली और अन्य राज्यो में भी ऐसे ही दलबदल कराया था. रिपोर्ट में कहा गया है कि आरोपी नंदा कुमार की डायरी में टीआरएस और कांग्रेस के 50 विधायकों का ब्योरा था.