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हैदराबाद (आईएएनएस)| तेलंगाना की एक अदालत ने गुरुवार को 10वीं कक्षा के प्रश्नपत्र लीक मामले में राज्य भाजपा अध्यक्ष और करीमनगर के सांसद बंदी संजय कुमार की जमानत रद्द करने की पुलिस की याचिका खारिज कर दी। हनमकोंडा जिला अदालत ने पुलिस की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें संजय की जमानत शर्तो का उल्लंघन करने के आधार पर जमानत रद्द करने की मांग की गई थी।
पिछले दो दिनों से दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुनाया कि संजय की जमानत रद्द करने का कोई आधार नहीं है।
अदालत ने छह अप्रैल को संजय को कुछ शर्तो के साथ जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था।
करीमनगर के सांसद को 4 अप्रैल की रात करीमनगर में उनके ससुराल से हाई-ड्रामा के बीच गिरफ्तार किया गया था।
वारंगल पुलिस ने वारंगल जिले के कमलापुर में एक परीक्षा केंद्र से माध्यमिक विद्यालय प्रमाणपत्र (एसएससी) परीक्षा के हिंदी प्रश्नपत्र के लीक होने के मुख्य आरोपी के रूप में संजय को नामजद किया था।
गिरफ्तारी के बाद संजय को यादाद्री भुवनगिरि जिले के एक पुलिस स्टेशन ले जाया गया और फिर शाम को वारंगल लाया गया। उन्हें अप्रैल को हनमकोंडा में प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट के आवास पर पेश किया गया था। मजिस्ट्रेट ने उन्हें 19 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। अदालत ने अगले दिन जमानत दे दी थी।
पुलिस का आरोप है कि संजय ने अन्य आरोपियों के साथ मिलकर 10वीं कक्षा का प्रश्नपत्र लीक करने की साजिश रची थी।
संजय और नौ अन्य आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश), 420 (धोखाधड़ी), 505 (जनता को खतरे में डालने के इरादे से किसी भी रिपोर्ट या बयान को प्रसारित करना) के तहत मामला दर्ज किया गया था।
पुलिस ने टीएस पब्लिक एग्जामिनेशन (कदाचार निवारण) अधिनियम की धारा 4 (ए), 6 और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की 66-डी भी लागू की थी।
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