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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक
बिजनौर: बिजनौर के धामपुर में तहसीलदार के ड्राइवर को अधिकारियों के नाम पर वसूली करने के आरोप में सस्पेंड कर दिया है. दरअसल, तहसीलदार का ड्राइवर नदीम अधिकारियों के नाम पर खनन के वाहनों के ठेकेदारों से अवैध वसूली करता था. तहसीलदार की शिकायत पर एसडीएम ने ड्राइवर नदीम को सस्पेंड किया है. वहीं, मामले के तूल पकड़ने के बाद धामपुर के तहसीलदार और एसडीएम का भी ट्रांसफर कर दिया गया है.
दरअसल, 5 दिन पहले जब तहसीलदार कमलेश कुमार खनन के ओवरलोड वाहनों की चेकिंग करने के बाद उनको सीज कर रहे थे, तब वाहन चालकों ने तहसीलदार को बताया कि वे इससे बचने के लिए उनके ड्राइवर नदीम को प्रत्येक गाड़ी के दो हजार रुपए देते हैं. रुपए नदीम के पंजाब नेशनल बैंक में जमा करवाए जाते हैं. नदीम और उसकी पत्नी का यह ज्वाइंट अकाउंट है.
उन्होंने तहसीलदार को ड्राइवर से लेनदेन की बातचीत का एक वीडियो भी दिखाया. इसके बाद तहसीलदार कमलेश कुमार ने ठेकेदारों के बैंक खाते की जांच कराई तो सामने आया कि पिछले दो सालों से वे लोग ड्राइवर के अकाउंट में रुपए डाल रहे हैं. जांच में सामने आया कि ड्राइवर ने अब तक करीब 21 लाख रुपए ठेकेदारों से वसूले हैं.
फिर तहसीलदार ने गोपनीय रिपोर्ट एसडीएम धामपुर विजय वर्धन तोमर को दी, जिसके आधार पर एसडीएम ने ड्राइवर नदीम को सस्पेंड कर दिया. पूरी रिपोर्ट डीएम उमेश मिश्रा को भी भेजी गई. डीएम जब धामपुर तहसील में समाधान दिवस के लिए पहुंचे, तो वहां भी यह मामला उठाया गया. फिर डीएम ने मामले में कार्रवाई करते हुए धामपुर के तहसीलदार कमलेश कुमार और एसडीएम विजय वर्धन तोमर का भी ट्रांसफर कर दिया.
एसडीएम को धामपुर से हटाकर नजीबाबाद का एसडीम बनाया गया है, जबकि तहसीलदार कमलेश कुमार को मुख्यालय पर तहसीलदार न्यायिक बना दिया गया है. ड्राइवर के खिलाफ भी जांच की जा रही है और पता लगाया जा रहा है कि कहीं उसके साथ इसमें कोई अधिकारी भी शामिल तो नहीं?

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