बिहार। भोजपुर जिले के टाउन थाना क्षेत्र के धनुपरा स्थित बाल पर्यवेक्षण में शुक्रवार देर शाम एक बाल बंदी का शव बाथरूम में लटका हुआ मिला. जैसे ही इस बात का पता चला उसे आरा सदर अस्पताल ले जाया जाने लगा, लेकिन उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया. घटना को लेकर बाल पर्यवेक्षण गृह में हड़कंप मच गया है. वहीं, दूसरी ओर घटना के बाद दस अन्य बाल बंदी मौके का फायदा उठाकर मेन गेट तोड़कर फरार हो गए. 16 वर्षीय मृतक मोनू कुमार के बारे में बताया जा रहा है कि वह बक्सर जिला के नगर थाना क्षेत्र के बुधनपुरवा गांव निवासी शंकर प्रसाद वर्मा का बेटा है. मामले में बाल पयर्वेक्षण गृह के प्रभारी अधीक्षक रविशंकर वर्मा ने बताया कि बाल पर्यवेक्षण गृह में कुल 87 बाल बंदी हैं. इननमें 14 बाल बंदी क्वॉरंटाइन रूम में रहते हैं. इसी में मृतक भी रह रहा था. उन्होंने बताया कि मृत किशोर मोनू कुमार कांड संख्या 366(A)/34 के मामले में इसी माह के 6 तारीख को बाल पयर्वेक्षण गृह में आया था.
शुक्रवार देर शाम जब करीब साढ़े सात बजे हर रोज की तरह बाल गृह माता रेखा देवी द्वारा सभी बाल बंदियों को खाना दिया गया. खाना खाने के बाद उसने बाथरूम में जाकर दरवाजा बंद कर लिया. इसके बाद उसने गले में गमछा बांध कर फांसी लगा ली. कुछ देर बीत जाने के बाद जब बाथरूम का दरवाजा नहीं खुला तो अन्य बाल बंदियों ने शोर मचाना शुरू किया. शोर की आवाज सुनने के बाद बाद हम सभी वहां पहुंचे और बाथरूम का दरवाजा तोड़कर इलाज के लिए आरा सदर अस्पताल ला रहे थे, तभी उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया.
दूसरी ओर प्रभारी अधीक्षक रवि शंकर वर्मा ने बताया कि वह बाल गृह में आने के बाद एक बार पहले भी फिनाइल पी लिया था, जिससे उसकी हालत बिगड़ गई थी. उसके बाद उसका इलाज भी कराया गया था. हालांकि, बंदी किशोर ने खुदकुशी क्यों किया इसका कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है. वहीं, रविशंकर वर्मा ने बताया कि जब हमलोग इसे इलाज के लिए सदर अस्पताल ला रहे थे, इसी बीच मौके का फायदा उठाकर दस अन्य बाल बंदी भी मेन गेट तोड़कर फरार हो गए. उनकी धरपकड़ को लेकर छापेमारी की जा रही है. मृतक किशोर के बड़े भाई राजा वर्मा ने बताया कि वह गांव की ही एक लड़की को लेकर दिल्ली भाग गया था, जिसको लेकर लड़की के परिवारवालों द्वारा स्थानीय थाना में अपहरण करने का प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. पुलिसिया दबिश के कारण परिवारवालों ने दिल्ली से दोनों लड़का-लड़की को पकड़ कर लाया और उन्हें स्थानीय थाना में ले जाकर पुलिस को सौंप दिया था. जिसके बाद पुलिस उसे आरा धनुपरा स्थित बाल पर्यवेक्षण गृह में जेल भेज दिया गया था. घटना के बाद मृत किशोर के घर में कोहराम मच गया है.