कोरोना काल में बढ़ते मामलों के बीच टेस्टिंग को एक बड़ा हथियार बताया गया है. कहा गया है कि अगर समय रहते टेस्ट हो जाए तो मरीज की जान भी बचाई जा सकती है और कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग में भी आसानी रहती है. लेकिन कई बार टेस्ट करने के नाम पर ऐसे धोखे हो रहे हैं कि लोगों को रिपोर्ट तो क्या ही मिल रही है, उनके पैसे जरूर डूब रहे हैं. ताजा मामला गुरुग्राम का है जहां पर एक महिला के साथ कोविड टेस्ट के नाम पर धोखा हुआ. गुरुग्राम की कृति शर्मा ने 20 अप्रैल को घर पर ही अपना कोविड टेस्ट करवाया था. उनके मुताबिक सी डी लैब्स की तरफ से आशीष शौकीन नाम का टेक्नीशियन उनके घर आया और RT PCR टेस्ट हुआ. अब टेस्ट तो हो गया,लेकिन दो दिन तक रिपोर्ट मालूम नहीं चली जिसके बाद आशीष से संपर्क साधने का प्रयास हुआ. कृति बताती हैं कि उस समय आशीष ने सिर्फ इतना कहा कि रिपोर्ट आने में 24 से 48 घंटे लग रहे हैं, ऐसे में 22 अप्रैल तक रिजल्ट पता चल सकता है. अब इंतजार किया गया लेकिन रिपोर्ट का कोई अता-पता नहीं था. फिर 23 अप्रैल को कृति के बेटे ने अपने फोन से आशीष को कॉल किया, तब टेक्नीशियन ने फिर यही बोलकर टाल दिया कि रिपोर्ट शाम तक मिल जाएगी.
रिपोर्ट के आने में हो रही लगातार देरी ने कई तरह के सवाल खड़े कर दिए थे. कृति को भी शक होने लगा था, ऐसे में उनकी तरफ सी डी लैब को फोन मिलाया गया. हैरानी की बात ये रही कि लैब की तरफ से बताया गया कि आशीष नाम का कोई टेक्नीशियन उनके साथ काम नहीं करता है. कृति के साथ धोखा हो चुका था. उन्होंने जिस RT PCR टेस्ट के 2400 रुपये दिए थे, वो बेकार साबित हुए. धोखा मिलने के बाद कृति ने सीधे फेसबुक पर एक लंबी पोस्ट के जरिए इस घटना के बारे में विस्तार से बताया और सदर पुलिस स्टेशन में शिकायत भी दर्ज करवाई.