उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के फ्रेंड्स कालोनी थाने में महिलाओं की रात भर लॉकअप में पिटाई का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. जिस तरह की बाते पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री और इटावा से भाजपा सांसद प्रो.रामशंकर कठेरिया की ओर से कही जा रही हैं, उससे साफ लग रहा है कि एसएसपी आकाश तोमर ने सांसद की बात को नजरअंदाज कर दिया है. यही कारण है कि वह पीड़ित महिलाओं को लेकर डीएम के यहां पहुंच गए. तमाम भाजपा के नेताओं के साथ महिलाओं को डीएम के सामने पेश किया गया.
डीएम से मुलाकात के बाद सांसद ने एसएसपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि घर मे घुसे रहने से जिला नहीं चलता. एसएसपी जनता की उपेक्षा कर रहे हैं. जिस वजह से पुलिस अनकंट्रोल हो रही है. थर्ड डिग्री की शिकार महिलाओं की बात डीजीपी ओर गृह सचिव के समक्ष रखी है. जिलाधिकारी के समक्ष सांसद ने स्पष्ट किया कि फ्रेंड्स कालोनी थाने में संगीता नाम की महिला को अन्य लोगों के साथ पकड़कर ले जाया गया और सारी रात थाने में नाक रागड़वा कर पट्टे से पीटा गया है. पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री और इटावा के सांसद प्रो. रामशंकर कठेरिया ने पुलिस और जिला प्रशासन की हीलाहवाली को लेकर डीजीपी के अलावा गृह सचिव से नाराजगी भी जतायी है. जिलाधिकारी के समक्ष सांसद ने दोनों पीड़ित महिलाओं और उनके परिवार के सदस्यों की वेदना सुनवाते हुए दोनों को न्याय दिलाने की गुहार लगाई.
डीएम ने दोनों महिलाओ को न्याय का भरोसा दिया है. सांसद ने इस बात की गहरी नाराजगी जिलाधिकारी के समक्ष जताई कि जिस महिला पुलिसकर्मी को लेकर के पुलिस के बड़े अफसर थाने में थर्ड डिग्री का प्रयोग महिलाओ पर किए हैं, उसको भी सामने लाया जाए. सांसद ने स्पष्ट किया कि जिस महिला पुलिसकर्मी को बचाने की कोशिश की जा रही है, असल में उसको कोई चोट ही नहीं आई है. पुलिस ने एक कहानी बनाकर के शिक्षक परिवार की महिलाओं के साथ थर्ड डिग्री का प्रयोग किया गया है. उधर मामले में फ्रेंड्स कालोनी थाने के प्रभारी निरीक्षक वीरेंद्र सिंह को लाइन हाजिर करने के साथ मंडी चौकी इंचार्ज देवीचरण साहू को भी थाने से हटा दिया गया है. लेकिन अभी तक पीड़ित महिलाओं की कोई शिकायत दर्ज नहीं की गई है. आरोप है कि 15 फरवरी की रात को फ्रेंड्स कालोनी इलाके में महिला कांस्टेबल प्रियंका से उसके किराए के मकान में हुए विवाद के बाद थाना पुलिस दो महिलाओं और उनके परिवार के कई सदस्यों को पकड़कर ले गई. यहां इन महिलाओं के साथ थाने में बुरी तरह से पिटाई की गई.
पीड़ित महिलाओं का आरोप है कि पुरुष पुलिसकर्मियों ने पुलिस थानों में अपराधियों के पीटने वाले पट्टे से पीटा है. जिसमें संगीता नाम की महिला को बहुत अधिक चोट आई है. संगीता के पति अरुण कुमार इटावा में प्राथमिक शिक्षक के तौर पर तैनात है. यही नहीं उलटे पीड़ित महिलाओं के खिलाफ महिला कांस्टेबल प्रियंका की ओर से कई अपराधिक धाराओं में मुकदमा भी दर्ज करा दिया गया है. इसके साथ ही धारा 151 में भी पाबंद किया गया है.
ये है पूरा मामला
बता दें बेसिक शिक्षा परिषदीय विद्यालय ताखा में सहायक अध्यापक अरुण कुमार पत्नी संगीता के साथ किराये पर रहते हैं. अरुण के मुताबिक सोमवार की रात करीब 11 बजे वह अपने स्वजनों के साथ सो रहे थे. उसी समय तीसरी मंजिल पर रह रही सिपाही प्रियंका ने देर रात आकर देरी से दरवाजा खोलने को लेकर उनसे और उनकी उनकी पत्नी संगीता, अन्य किरायेदार अजय कुमार और उनकी पत्नी वंदना पर पुलिस का रौब दिखाते हुए धमकाया. इसके बाद सिपाही ने थाने पर कॉल करके पुलिस बल को बुला लिया. इसके बाद उन सभी को मारते-पीटते हुए थाने ले जाया गया. थाने में चारों को रात भर बेरहमी से पीटा गया. अभद्रता करते हुए जाति सूचक शब्द प्रयोग किए गए. संगीता की बायें हाथ की उंगली टूट गई. उल्टे उनके खिलाफ फर्जी मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया.