बिहार का शिक्षा विभाग अपने कारनामे को लेकर एक बार फिर सुर्खियों में है. सरकार के आदेश का पालन करना एक शिक्षक को महंगा पड़ गया और सरकार ने उसे निलंबित तक कर दिया. दरअसल मामला कटिहार जिला से जुड़ा है जहां के कन्ताडीह प्राइमरी स्कूल के प्रभारी प्रधानाध्यापक मोहम्मद तमीजुद्दीन का कटिहार बाजार में माथे पर मिड डे मील का खाली बोरा बेचते वीडियो वायरल हुआ था. वीडियो वायरल हुए 48 घन्टे भी नहीं हुए थे कि सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया. आरोप ये लगा कि मोहम्मद तमीजुद्दीन ने सरकार की छवि खराब की है, ऐसे में रविवार का दिन होने के बाद भी शिक्षा विभाग के अधिकारी कार्यालय पहुंचे और मिड डे मील निदेशक ने बैठक कर पत्र जारी कर दिया.
डीईओ को आदेश दिया कि शिक्षक मोहम्मद तमीजुद्दीन पर अविलम्ब कार्रवाई कर विभाग को सूचित करें. शिक्षा विभाग के आदेश के बाद डीईओ कटिहार ने भागाव के पंचायत सचिव को आदेश दिया कि शिक्षक तमीजुद्दीन को निलंबित किया जाए जिसके बाद रात में पंचायत सचिव ने शिक्षक को निलंबित कर दिया. निलंबन की कार्रवाई के बाद ये खबर शिक्षकों के बीच आग की तरह फैल गई और शिक्षकों ने सवाल उठा दिया कि आखिर बिना स्पष्टीकरण के कैसे निलंबित किया गया जिसके बाद देर रात बैक डेट का स्पष्टीकरण पत्र भी तैयार कर जारी कर दिया गया. अब हैरानी इस बात से होती है कि जब शिक्षा विभाग ने खुद ही स्कूलों को आदेश दिया था कि वित्तीय वर्ष 2014-15 और वर्ष 2015 -16 के मिड डे मील के खाली पड़े बोरे को 10 रुपये पीस बेचकर सरकार के मद में शिक्षकों को राशि जमा करवानी है तो फिर मोहम्मद तमीजुद्दीन ने क्या गलत किया.
अब सरकार की इस कार्रवाई से शिक्षक संघ नाराज है और इसे तालिबानी फरमान बताते हुए आंदोलन की चेतावनी तक दे डाली है. शिक्षक नेता आनंद कौशल, अश्विनी पांडेय, प्रदीप कुमार पप्पू, आलोक रंजन, अभिषेक कुमार ने साफ कहा है कि अगर 72 घन्टे में सरकार निलंबन की कार्रवाई वापस नहीं लेती है तो शिक्षक संघ आंदोलन का एलान करेगा क्योंकि अंधेर नगरी चौपट राजा वाली बात अब शिक्षक नहीं सहेंगे. शिक्षकों ने साफ कहा कि तमीजुद्दीन की क्या गलती है उसने तो वही किया जो सरकार ने आदेश दिया फिर गुनहगार शिक्षक हैं या फिर आदेश जारी करनेवाले अधिकारी.
इधर सरकार की इस कार्रवाई से चिंतित शिक्षक तमीजुद्दीन काफी चिंता में हैं. उन्होंने अब अपने निलंबन के बाद हमसे क्या भूल हुई.. गीत गाकर सरकार से गुहार लगाई है और निलंबन मुक्त करने की मांग कर रहे हैं. निलंबन के बाद तमीजुद्दीन गुहार लगा रहे हैं कि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया है फिर उनको ऐसी सजा क्यों दी जा रही है.