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संस्कृत के माध्यमिक विद्यालयों में भी जल्द शुरू होगी संविदा पर शिक्षक भर्ती, संस्कृत सप्ताह के समापन के अवसर पर बोले उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा
Shantanu Roy
26 Aug 2021 2:44 AM GMT
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उत्तर प्रदेश में जल्द ही संस्कृत के माध्यमिक विद्यालयों में भी संविदा पर शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कराई जाएगी। विश्वविद्यालय में छात्रवृत्ति भी बढ़ाई जाएगी। वहीं वाराणसी स्थित संपूर्णानंद संस्कृत भवन में रखी पांडुलिपियों के संरक्षण और संवर्द्धन के लिए शासन स्तर से सहयोग किया जाएगा। प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कुलपति प्रो. हरेराम त्रिपाठी से बातचीत के बाद शासन स्तर पर हर संभव सहयोग करने की बात कही है।
संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी द्वारा आयोजित संस्कृत सप्ताह के समापन के अवसर पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में सहभागिता की। pic.twitter.com/zKilhTpkG5
— Dr Dinesh Sharma BJP (@drdineshbjp) August 26, 2021
कुलपति ने बताया कि उपमुख्यमंत्री ने छात्रवृत्ति बढ़ाने के साथ ही सरस्वती भवन में पांडुलिपियों के संरक्षण-संवर्धन, समीक्षात्मक संपादन एवं प्रकाशन के लिए सहयोग का निर्देश उच्च शिक्षा विभाग को दिया है। कुलपति ने उच्च शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव मोनिका एस गर्ग से बातचीत की, जिसमें सचिव ने सेंटर फॉर एक्सीलेंस प्रोग्राम के तहत प्रस्ताव बनाकर शासन को प्रेषित करने को कहा है। कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत पांडुलिपियों के संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
कुलपति ने बताया कि अमृत महोत्सव संस्कृत सप्ताह में 25 अगस्त को ऑनलाइन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा शामिल होंगे। अखिल भारतीय संगठन मंत्री डॉ. दिनेश कामत, विशिष्ट अतिथि राज्यपाल के विशेष कार्याधिकारी डॉ. पंकज एल जानी और महर्षि पाणिनि एवं वैदिक संस्कृत विश्वविद्यालय, उज्जैन (मप्र) के कुलपति प्रो सी विजय कुमार मेनन भी जुड़ेंगे।
शिक्षकों की नियुक्ति में नामित होंगे विशेषज्ञ
उत्तर प्रदेश माध्यमिक संस्कृत विद्यालयों में संविदा पर शिक्षकों की नियुक्ति की कवायद भी शुरू हो गई है। नियुक्ति प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से शासन स्तर से नामित होने वाले विशेषज्ञों में दो संस्कृत विश्वविद्यालय के होंगे। कुलपति ने बताया कि उपमुख्यमंत्री से बातचीत के बाद दो विशेषज्ञ के नाम तय कर शासन को भेजा जाएगा। पारदर्शिता बनाने के लिए संस्कृत माध्यमों से साक्षात्कार कराए जाएंगे।
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