घाटकोपर। महाराष्ट्र में सख्त पाबंदियां जारी हैं. लोगों को फिजूल घर से निकलने की मनाही है. ऐसे में पेश से शिक्षक और देश के आम नागरिक दत्तात्रेय सावंत रोज घर से बाहर निकल रहे हैं. वे अब ऑटो रिक्शा चलाने लगे हैं. हालांकि, वे किसी आर्थिक मजबूरी के कारण ऐसा नहीं कर रहे हैं, बल्कि मुश्किल दौर में समाज के प्रभावितों की मदद करने का जिम्मा साथ लिए हैं. कोरोना वायरस संक्रमितों को घर से लेकर अस्पताल तक जाना और वापस घर पहुंचना सावंत का रोज का काम है. इतना ही नहीं मरीजों को यह सवारी शिक्षक की तरफ से मुफ्त दी जा रही है.
दत्तात्रेय सावंत मरीजों की मदद करने के दौरान पूरी सावधानियां रखते हैं. वे वाहन को लगातार सैनिटाइज करते हैं और हर समय पीपीई किट में कैद होते हैं. वे कहते हैं 'इसके लिए मैं सभी सुरक्षा उपाय करता हूं. फिलहाल कोरोना मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. इनमें से कई समय पर इलाज न मिल पाने की वजह से मर रहे हैं.' वे बताते हैं 'ऐसे हालात में गरीब मरीजों को समय पर सरकारी मदद मिले या नहीं, निजी एंबुलेंस सस्ती नहीं होती और आमतौर पर निजी वाहन कोविड मरीजों को सेवाएं नहीं देते. ऐसे मामलों में मेरी मुफ्त सेवा मरीजों के लिए जारी रहेगी.'
उन्होंने कहा 'मैं मरीजों को केयर सेंटर्स और अस्पतालों में मुफ्त पहुंचाता हूं. साथ ही अस्पताल से छुट्टी पा चुके मरीजों को उनके घर लेकर आता हूं.' सावंत बीते कुछ दिनों से लगातार उत्तर-पूर्वी मुंबई में अपनी मुफ्त सेवा चला रहे हैं. बताया जा रहा है कि उन्होंने अब तक 26 कोविड मरीजों को मुफ्त यात्रा कराई है. इसके अलावा हर कोई उनके काम की सराहना कर रहा है.