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टीबी के मरीजों को बिना किसी झिझक के इलाज के लिए खुद आगे आना चाहिए: अमित यादव
jantaserishta.com
28 March 2023 11:48 AM GMT
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नई दिल्ली (आईएएनएस)| नई दिल्ली नगरपालिका परिषद ने आज नई दिल्ली के शहीद भगत सिंह मार्ग स्थित एनडीएमसी चेस्ट और पॉलीक्लिनिक में 'हां, हम टीबी को खत्म कर सकते हैं' की थीम पर विश्व टीबी दिवस मनाया।
इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एनडीएमसी अध्यक्ष अमित यादव ने कहा कि टीबी का रोगी अब एक वर्जित और सामाजिक अभिशाप नहीं है और यदि इसका निदान प्रारंभिक अवस्था में हो जाता है। तो इसका उचित उपचार शीघ्रता से संभव है। मरीजों को बिना किसी व्यक्तिगत झिझक के अपने नजदीकी क्लीनिक में इलाज के लिए आगे आना चाहिए। पश्चिमी देशों में टीबी का पहले ही उन्मूलन किया जा चुका है। हम टीबी के खिलाफ एकजुट होकर यह कह सकते हैं हां, हम टीबी को खत्म कर सकते हैं।
पालिका परिषद - अध्यक्ष अमित यादव ने टीबी रोगियों को उनके घर पर टीबी किट पहुंचाने में योगदान देने के लिए भारतीय डाक विभाग के प्रतिनिधियों को सम्मानित किया। एनडीएमसी के अध्यक्ष ने टीबी जागरूकता पर पेंटिंग, पोस्टर, क्विज, स्लोगन प्रतियोगिता के लिए स्कूल और कॉलेज के छात्रों को भी पुरस्कृत किया। टीबी नियंत्रण कार्यक्रम में असाधारण योगदान के लिए टीबी चैंपियंस, सर्वाइवर्स, ब्रांड एंबेसडर और चेस्ट क्लिनिक के कर्मचारियों को प्रशस्ति प्रमाण पत्र भी वितरित किए गए।
डॉ. सीके बख्शी, डीटीओ और सीएमओ एनडीएमसी चेस्ट क्लिनिक ने अपने स्वागत भाषण में बताया कि एनडीएमसी चेस्ट क्लिनिक पूरे एनडीएमसी क्षेत्र के साथ-साथ नई दिल्ली राजस्व जिले में राष्ट्रीय टीबी नियंत्रण कार्यक्रम का पर्यवेक्षण और कार्यान्वयन करता है। जो 11.4 लाख की स्थिर आबादी और जहां की 10-12 लाख आवागमन आबादी है उसको कवर करता है।
डॉक्टर बक्शी ने बैनरों के प्रदर्शन के साथ टीबी आरोग्य साथी ऐप, टीबी एचआईवी के बारे में अभिशाप को कम करने के लिए मुनादी गतिविधि घोषणा जैसी जागरूकता गतिविधियों के बारे में भी बताया। उन्होंने यह भी बताया कि आजादी का अमृत महोत्सव समारोह के तहत, नई दिल्ली क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर एनडीएमसी चेस्ट क्लिनिक का आयोजन, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता, रैन बसेरों में जागरूकता पैदा करना, बैनर प्रदर्शन, आईईसी सामग्री का वितरण आदि किया गया है।
इस अवसर पर डॉक्टरों के अलावा पैरामेडिकल स्टाफ, स्वास्थ्य एवं सामाजिक कार्यकर्ता, मरीजों की देखभाल करने वाले, शिक्षक, स्कूली बच्चे और गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।
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