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बीजेपी अध्यक्ष के बयान पर तंज, सामना में लिखी गई यह बात

jantaserishta.com
27 March 2022 5:31 AM GMT
बीजेपी अध्यक्ष के बयान पर तंज, सामना में लिखी गई यह बात
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मुंबई: महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल द्वारा नरेंद्र मोदी के 24 घंटे जागने पर दिया गया बयान एक बार फिर सुर्खियों में है. लेकिन इस बार यह सुर्खियां खुद अपनी वजह से नहीं, बल्कि इस बयान को लेकर संजय राउत द्वारा किए गए व्यंग्य के कारण बटोर रहा है. दरअसल, शिवसेना के नेता संजय राउत ने पार्टी के मुखपत्र सामना में एक कॉलम के तहत चंद्रकांत पाटिल के उस बयान को लेकर काफी कुछ कहा है. आइए जानते हैं विस्तार से.

संजय राउत ने कहा है कि, 'कांग्रेस के दौर में दिल्ली से मुंबई तक चमचों का बोलबाला था. अब मोदी युग में चमचों की जगह अंधभक्तों ने ले ली है, लेकिन इनका भी काम वही है.' वह कहते हैं कि, 'आज देश की राजनीति में सीधे-सीधे 2 समूह बन गए हैं. पहला है भक्तों की फौज, इसमें भी अंधभक्तों का एक प्रखर उपसमूह है. वहीं दूसरी ओर चमचा महामंडल है. ये दोनों ही देश के लिए खतरनाक हैं. भांड़, भाट और चमचों को जिन राज्यों की निर्णय लेने की प्रक्रिया में शामिल किया जाता है, तो वो राज्य रसातल में चला जाता है और राजा विश्वास खो देता है. वर्तमान में हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसी तरह की चमचागिरी बढ़ने से परेशान हो गए हैं.' राउत कहते हैं कि, 'चंद्रकांत पाटील ने अंधभक्ति का ढोल बजाते हुए कहा, 'नरेंद्र मोदी अनवरत परिश्रम करते हैं. वह 22 घंटे काम करते हैं और सिर्फ 2 घंटे सोते हैं. अब ये 2 घंटे भी नींद न आए, ऐसा प्रयास किया जा रहा है.' पाटील की ऐसी बातें सुनने के बाद दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी की 2 घंटे की नींद भी उड़ गई होगी. भक्तों के अंदर इतनी मानसिक शक्ति आती कहां से है, यह शोध का विषय है.
संजय राउत ने चंद्रकांत पाटिल के उस बयान पर कहते हैं कि, 'मालिक तो महान है, बस चमचों से परेशान है.' उन्होंने पाटिल को घेरने के लिए कुछ कहानियों का भी सहारा लिया है. उन्होंने आचार्य रजनीश की एक कहानी जिसमें नवाब और अंधभक्त मुल्ला नसरुद्दीन का जिक्र है. वह कहते हैं कि, 'भक्त वही करते हैं जो मालिक को पसंद है. मोदी को खिचड़ी पसंद है, इसलिए भक्तों को भी खिचड़ी पसंद आने लगी. मोदी ने चाय बेची, इसलिए भक्तों ने भी चाय बेचनी शुरू की. इस भक्ति का कोई तोड़ नहीं है. उन्होंने हरिशंकर परसाई द्वारा चमचों पर लिखे व्यंग्य का भी उल्लेख किया है.
संजय राउत ने 'द कश्मीर फाइल्स' और रूस यूक्रेन युद्ध पर कुछ चैनलों द्वारा किए गए कवरेज पर भी सवाल उठाया. उन्होंने इसे भी अंधभक्ति करार दी. उन्होंने दोनों ही मुद्दों पर मोदी को हीरो बनाने पर आपत्ति जताई है. यहां भी उन्होंने कई तरह के उदाहरण दिए हैं. उन्होंने कहा कि कुछ चैनलों ने आज से 20 दिन पहले दिखाया था कि नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन और रूस के राष्ट्रपति से घंटों बात की है. दोनों से शांति की अपील की और दोनों ने उनकी बात मान ली. अब सवाल उठता है कि अगर दोनों ने मोदी की बात मान ली थी तो अब भी युद्ध जारी क्यों है और इतने लोग क्यों मारे गए, इतना विध्वंस क्यों हुआ.'

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