कर्नाटक। राज्य सरकार ने ऐलान किया कि टाटा समूह की कंपनियां एयर इंडिया और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड कर्नाटक परियोजना के अंतर्गत प्रदेश में 1,650 लोगों को रोजगार देने के मकसद से 2,300 करोड़ निवेश करने का ऐलान किया है। समझौता ज्ञापन के मुताबिक, एयर इंडिया बेंगलुरु हवाई अड्डे पर विमानों के रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल के लिए एयर इंडिया एक केंद्र स्थापित करेगी। इस परियोजना में लगभग 1,300 करोड़ रुपये का निवेश शामिल है जो 1,200 लोगों के लिए रोजगार पैदा करेगा।
टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स, जो यूरोपीय दिग्गज एयरबस के विमानों के लिए दरवाजे बनाती है। राज्य में विनिर्माण और अनुसंधान एवं विकास सुविधाएं स्थापित करेगी। कंपनी बेंगलुरु एयरपोर्ट के पास और कोलार में तीन परियोजनाओं में निवेश करेगी, जिसमें कुल 1,030 करोड़ रुपये का निवेश होगा। इनमें यात्री से मालवाहक विमान रूपांतरण सुविधा (420 करोड़ रुपये), बंदूक निर्माण सुविधा (310 करोड़ रुपये) और कर्नाटक में एयरोस्पेस और रक्षा अनुसंधान और विकास (300 करोड़ रुपये) शामिल हैं। इन परियोजनाओं से 450 लोगों के लिए प्रत्यक्ष रोजगार पैदा होने की उम्मीद है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और राज्य के बड़े और मध्यम उद्योग मंत्री एमबी पाटिल यहां इस संबंध में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर समारोह में उपस्थित थे।
मंजूरी और हस्तक्षेप के मामले में सरकार से सुव्यवस्थित समर्थन की आवश्यकता होती है, पाटिल ने परियोजनाओं की ग्राउंडिंग से संबंधित किसी भी चुनौती को हल करने में समर्थन का आश्वासन दिया। कर्नाटक उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव एस सेल्वाकुमार और एयर इंडिया के मुख्य वाणिज्यिक अधिकारी निपुण अग्रवाल और टीएएसएल के सीईओ सुकरन सिंह ने समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान किया। इस मौके पर कर्नाटक सरकार के मुख्य सचिव, रजनीश गोयल; मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव एल.के. अतीक; उद्योग विभाग के आयुक्त गुंजन कृष्णा; इस अवसर पर एयर इंडिया के शीर्ष अधिकारी मनन चौहान, कार्तिकेय भट्ट, अतुल शुक्ला, टीएएसएल के शीर्ष अधिकारी गुरु दत्तात्रेय, अर्जुन मेन, बेंगलुरु अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के प्रबंध निदेशक हरि मरार, सीओओ सात्यकी रघुनाथ और सीएफओ भास्कर रवींद्र उपस्थित थे।
कर्नाटक के लिए टाटा की योजना समूह द्वारा तेलंगाना में 15,000 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा के बाद आई है। टाटा समूह ने गुजरात में सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन प्लांट स्थापित करने की भी योजना तैयार की है। मोदी सरकार की आत्मनिर्भर नीति के तहत राज्यों में निवेश बढ़ रहा है, जिसने आत्मनिर्भरता पर जोर दिया है, इसके तहत भारतीय कंपनियों और उच्च तकनीक वाली विदेशी फर्मों के बीच अधिक सहयोग हो रहा है। इससे देश में अधिक एफडीआई प्रवाह भी हुआ है।