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तालिबान का खतरा: भारत ने कंधार में बंद किया कॉन्सुलेट, स्टाफ को वापस बुलाया

Pushpa Bilaspur
11 July 2021 2:34 AM GMT
तालिबान का खतरा: भारत ने कंधार में बंद किया कॉन्सुलेट, स्टाफ को वापस बुलाया
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फाइल फोटो 

अफगानिस्तान में तालिबान के बढ़ते कब्जे को देखते हुए हिंसा की आशंका से भारत ने कंधार में अपना कॉन्सुलेट फिलहाल बंद करने का फैसला किया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय वायुसेना की विशेष उड़ान से मिशन में तैनात कम से कम 50 राजनयिकों व आईटीबीपी के जवानों को दिल्ली लाया गया है।

सूत्रों ने कहा, यह कदम एहतियातन उठाया गया है। आशंका है कि तालिबान कंधार को भी निशाने पर ले सकता है। यह शहर पहले आतंकी संगठन का मुख्यालय हुआ करता था। फिलहाल काबुल में भारतीय दूतावास और बाल्ख प्रांत में मजार-ए-शरीफ पर कॉन्सुलेट खुले हुए हैं।
एक अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय वायुसेना की विशेष फ्लाइट को भेजकर कम से कम 50 राजनयिकों और इंडो-टिबेटन बॉर्डर पुलिस के सुरक्षाकर्मियों को दिल्ली वापस बुला लिया गया है। अखबार ने सरकार के सूत्रों के हवाले से बताया है कि यह कदम एहतियातन उठाया गया है। दरअसल, ऐसी आशंका है कि तालिबान कंधार को भी निशाने पर ले सकता है जो कभी उसका हेडक्वॉर्टर हुआ करता था।
तालिबान ने कहा - अफगानिस्तान पर नियंत्रण के लिए दो सप्ताह काफी
हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा अफगान सुरक्षा बलों पर भरोसा जताने के ठीक बाद तालिबान ने धमकी दी है कि यदि हम चाहें तो मात्र दो सप्ताह में अफगानिस्तान को अपने नियंत्रण में ले सकते हैं।
तालिबान द्वारा अफगानिस्तान के 85 फीसदी हिस्से पर नियंत्रण के दावे के तुरंत बाद मॉस्को पहुंचे तालिबानी प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख शहाबुद्दीन दिलावर ने पत्रकारों से कहा कि हमारे पास करीब 75 हजार लड़ाके हैं जिनका मुकाबला करना अफगानिस्तान के तीन लाख जवानों के वश में नहीं है। बाइडन ने अफगानिस्तान में तालिबान के प्रभाव को नकारते हुए कहा था कि उन्हें अफगान सुरक्षा बलों पर भरोसा है।
इस पर दिलावर ने कहा, हम दो हफ्ते में देश पर नियंत्रण बना सकते हैं, बेहतर है कि विदेशी सेना शांति से अफगानिस्तान छोड़ने के मौके का फायदा उठाए। इस बीच, तालिबान ने पश्चिम अफगानिस्तान में ईरान और चीन से लगे सीमा क्षेत्र में भी कब्जा कर लिया है। तालिबान प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने बताया कि हमने ईरानी सीमा पर इस्लाम कला के सीमावर्ती शहर और तुर्कमेनिस्तान के तोरघुंडी क्रॉसिंग पर कब्जा कर लिया है।


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