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फाइल फोटो
अफगानिस्तान में तालिबान का शासन आने के बाद जैसे हालात बन रहे हैं उनपर भारत नज़रें बनाए हुए है. भारत अलग-अलग देशों के साथ चर्चा कर रहा है इसी कड़ी में रूस के साथ बातचीत हुई है. रूस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने भारत दौरे पर अजित डोभाल से बात की. भारत-रूस दोनों ने चेताया है कि अफगानिस्तान की ज़मीन का इस्तेमाल आतंकी संगठन कर सकते हैं.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, रूसी एनएसए निकोलोई पेतरुशेव ने अजित डोभाल से बातचीत की है. भारत और रूस का मानना है कि अफगानिस्तान से जो आतंकी संगठन काम कर रहे हैं, वो आसपास के इलाके के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं.
अपने वादों को पूरा करे तालिबान...
दोनों देश इस बात पर सहमत हुए हैं कि तालिबान ने दुनिया को जो वादे किए हैं, उनको पूरा किया जाना चाहिए. मानवाधिकार की बात हो, महिलाओं के हक की बात हो और सबसे अहम की किसी दूसरे देश के आतंकी संगठन उसकी जमीन का इस्तेमाल ना कर पाएं.
एक अधिकारी के मुताबिक, अफगानिस्तान में अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन मौजूद हैं जो भारत समेत आसपास के इलाके के लिए खतरा हैं. भारत को डर है कि पाकिस्तान के आतंकी संगठन अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल ना करें, ऐसे में पाकिस्तान की ISI का तालिबान के साथ संबंध होना भी चिंता का विषय है.
अजित डोभाल और रूसी एनएसए की मीटिंग
अब भारत और रूस एक साथ मिलकर ड्रग ट्रैफिकिंग, माइग्रेशन और आतंकवाद के मसले पर मिलकर काम करेंगे. भारत-रूस लंबे वक्त से सामरिक दृष्टि से काफी करीब आए हैं, ऐसे में जब अमेरिका यहां से चला गया है तब दोनों देशों का अफगानिस्तान के मसले पर रोल काफी अहम हो जाता है.
भारत की ओर से पहले भी कई बार चेतावनी दी गई है कि अफगानिस्तान की धरती का उपयोग आतंकी संगठन ना कर पाएं. अफगानिस्तान में पहले ही पाकिस्तान के कई आतंकी संगठन एक्टिव हैं, जिनमें लश्कर और जैश जैसे नाम हैं. हक्कानी नेटवर्क तो तालिबान की सरकार का हिस्सा ही है.
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