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स्विट्जरलैंड ने भारतको भेजा स्विस बैंक खातों के रिकॉर्ड का चौथा सेट, इनके खातों के बारे में मिली अहम जानकारी

HARRY
10 Oct 2022 1:33 PM GMT
स्विट्जरलैंड ने भारतको भेजा  स्विस बैंक खातों के रिकॉर्ड का चौथा सेट, इनके खातों के बारे में मिली अहम जानकारी
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नई दिल्‍ली। भारत को अपने नागरिकों और संगठनों के स्विस बैंक खातों के विवरण का चौथा सेट प्राप्त हुआ है। समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक भारत को यह जानकारी वार्षिक स्वचालित सूचना विनिमय के हिस्से के रूप में मिली है। स्विट्जरलैंड ने वार्षिक स्वचालित सूचना विनिमय के तहत 101 देशों के साथ लगभग 34 लाख वित्तीय खातों का विवरण साझा किया है। भारत के साथ साझा किया गया नया विवरण 'सैकड़ों वित्तीय खातों' से संबंधित है। इनमें व्यक्तियों, कॉरपोरेट्स और ट्रस्टों से जुड़े खातों के मामले शामिल हैं।

छानबीन में काम आएंगे आंकड़े

अधिकारियों ने बताया कि इन आंकड़ों का इस्तेमाल संदिग्ध कर चोरी, मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी फंडिंग समेत अन्य गलत कामों की जांच में बड़े पैमाने पर किया जाएगा। हालां‍कि अधिकारियों सूचनाओं के आदान-प्रदान की गोपनीयता शर्त और आगे की जांच पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव का हवाला देते हुए डि‍टेल का खुलासा नहीं किया।

फेडरल टैक्स एडमिनिस्ट्रेशनने सोमवार को अपने बयान में कहा कि इस साल सूचनाओं के आदान-प्रदान से संबंधित सूची में पांच नए देश जोड़े गए हैं। इन मुल्‍कों में अल्बानिया, ब्रुनेई दारुस्सलाम, नाइजीरिया, पेरू और तुर्की शामिल हैं। साझा किए गए वित्तीय खातों की संख्या में लगभग एक लाख की वृद्धि हुई।

हालांकि एफटीए ने सभी 101 देशों के नामों और अन्‍य विवरण का खुलासा नहीं किया है। अधिकारियों ने बताया कि भारत लगातार चौथे साल स्विस बैंक खातों की सूचना प्राप्त करने वालों में प्रमुख रूप से शामिल है। भारतीय अधिकारियों के साथ साझा किए गए विवरण बड़ी संख्या में उन व्यक्तियों और संगठनों से संबंधित हैं, जिनके स्विस वित्तीय संस्थानों में खाते हैं। अधिकारियों ने बताया कि स्विस वित्तीय संस्थानों में खातों की जानकारी का यह आदान-प्रदान पिछले महीने हुआ था।

स्विट्जरलैंड सूचना का अगला सेट सितंबर 2023 में साझा करेगा। भारत को सितंबर 2019 में स्विट्जरलैंड से ऐसे विवरण का पहला सेट प्राप्त हुआ था। भारत उस साल ऐसे खातों की जानकारी पाने वाले 75 देशों में शामिल था। पिछले साल भारत ऐसे 86 साझेदार देशों में शामिल था। विशेषज्ञों के अनुसार, ये आंकड़े उन लोगों के खिलाफ एक मजबूत अभियोजन का मामला स्थापित करने के लिए काफी मददगार रहे हैं, जिनके पास बेहिसाब संपत्ति है।

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