रांची: झारखंड में हेमंत सोरेन के सीएम पद से इस्तीफे के करीब 17 घंटे बाद भी नई सरकार को लेकर सस्पेंस बना हुआ है। झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन विधायक दल के नए नेता चंपई सोरेन ने बुधवार की रात राजभवन पहुंचकर सरकार बनाने का दावा पेश किया था, लेकिन इसपर राजभवन ने अब तक कोई निर्णय नहीं …
रांची: झारखंड में हेमंत सोरेन के सीएम पद से इस्तीफे के करीब 17 घंटे बाद भी नई सरकार को लेकर सस्पेंस बना हुआ है। झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन विधायक दल के नए नेता चंपई सोरेन ने बुधवार की रात राजभवन पहुंचकर सरकार बनाने का दावा पेश किया था, लेकिन इसपर राजभवन ने अब तक कोई निर्णय नहीं लिया है।
सियासी ऊहापोह की स्थिति के बीच गठबंधन के विधायकों को हैदराबाद या बेंगलुरू शिफ्ट करने की तैयारी चल रही है।
सत्तारूढ़ गठबंधन के करीब 40 विधायक बुधवार रात से ही रांची के सर्किट हाउस में रुके हैं। उन्हें कहा गया है कि नई सरकार के गठन के साथ सभी विधायक एक साथ रहेंगे।
चर्चा है कि नई सरकार के गठन के लिए आमंत्रण मिलने तक इन्हें कांग्रेस शासित आंध्रप्रदेश या कर्नाटक में किसी रिजॉर्ट या सुरक्षित जगह पर शिफ्ट किया जाएगा।
बताया जा रहा है कि इनकी शिफ्टिंग के लिए चार्टर्ड प्लेन हायर किया गया है, लेकिन रांची में सुबह से छाए घने कोहरे की वजह से प्लेन अब तक यहां के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर आया नहीं है। प्लेन के पहुंचते ही विधायक बसों पर सवार होकर एयरपोर्ट पहुंचे और वहां से हैदराबाद या बेंगलुरू के लिए रवाना होंगे।
विधायक दल के नए नेता चंपई सोरेन सहित गठबंधन के चार-पांच वरिष्ठ विधायक रांची में ही रहेंगे, ताकि राजभवन की ओर से आमंत्रण मिलते ही तुरंत नई सरकार के शपथ ग्रहण की तैयारी हो सके।
चंपई सोरेन ने सरकार बनाने का दावा करते हुए राज्यपाल को जो पत्र सौंपा है, उसपर 43 विधायकों के हस्ताक्षर हैं। चार अन्य विधायकों यानी कुल 47 के समर्थन का दावा किया गया है। जिन चार विधायकों के हस्ताक्षर पत्र में नहीं हैं, वे फिलहाल राज्य के बाहर हैं।
राज्य में सरकार बनाने के लिए मैजिक नंबर 41 है। चंपई सोरेन ने कहा है कि उन्हें राजभवन से बुलावे का इंतजार है। एक संभावना यह भी जताई जा रही है कि राज्य में नई सरकार का गठन होने तक अल्पकाल के लिए राष्ट्रपति शासन लग सकता है।