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निलंबित आईएएस जितेंद्र नारायण ने आरोपों को गलत बताया, कहा, इसके पीछे शक्तिशाली लोगों का हाथ

jantaserishta.com
18 Oct 2022 2:52 AM GMT
निलंबित आईएएस जितेंद्र नारायण ने आरोपों को गलत बताया, कहा, इसके पीछे शक्तिशाली लोगों का हाथ
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नई दिल्ली (आईएएनएस)| केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यौन उत्पीड़न के आरोप में घिरे आईएएस अधिकारी और अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह में मुख्य सचिव रहे जितेंद्र नारायण को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इसी बीच एक चिट्ठी सामने आई है, जिसमें जितेंद्र नारायण ने आरोपों को गलत बताते हुए अपने बचाव में कहा है कि उन्हें फंसाने में शक्तिशाली व्यक्तियों का हाथ है।
जानकारी के मुताबिक जितेंद्र नारायण ने 5 अक्टूबर को अंडमान निकोबार की पुलिस को ईमेल के जरिये एक पत्र भेजा था। पत्र में उन्होंने अपना बचाव करते हुए लिखा कि ये आरोप पूरी तरह से असत्य हैं, क्योंकि ये कथित तारीखों और समय अवधि में असंभव हैं। जितेंद्र नारायण ने कहा कि मुझे यह भी पता है कि पुलिस अधिकारी उन दो तिथियों की परिस्थितियों से पूरी तरह अवगत हैं, फिर भी निहित स्वार्थों की संतुष्टि में कुछ शक्तिशाली व्यक्तियों के इशारे पर इस झूठे और कष्टप्रद अभियोजन को जारी रखने की अनुमति दे रहे हैं।
पत्र में ये भी लिखा गया है कि पीड़िता ने जिन तारिखों का शिकायत में जिक्र किया है, उन तारिखों पर वो कहीं और मौजूद थे। इसकी जानकारी भी अधिकारियों को है। इसके लिए उन्होंने सीडीआर, टिकिट और कुछ दस्तावेज भी अपने बचाव में दिए हैं। उन्होंने पुलिस से आग्रह किया है कि इन दस्तावेजों की पुष्टि की जाए।
जितेंद्र नारायण ने पत्र में ये भी कहा है कि सबूतों के साथ छेड़छाड़ भी की जा सकती है। यही वजह है कि उन्होंने जांच एजेंसियों से पूरे तथ्यों की पुष्टि कर निष्पक्ष जांच करने की गुजारिश भी की है।बता दें कि जितेंद्र नारायण 1990 बैच के आईएएस अधिकारी हैं।
वो अंडमान निकोबार में मुख सचिव के पद पर कार्यरत रहे हैं। गौरतलब है कि हाल ही में एक महिला ने जितेंद्र नारायण और अन्य पर नौकरी दिलवाने के नाम पर कथित यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था। इसके बाद गृह मंत्रालय ने उन्हें सोमवार को निलंबित कर दिया है।
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