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सुशांत के परिवार के वकील विकास सिंह ने CBI को लिखा पत्र, उठाए ये सवाल

Tara Tandi
7 Oct 2020 8:55 AM GMT
सुशांत के परिवार के वकील विकास सिंह ने CBI को लिखा पत्र, उठाए ये सवाल
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फाइल फोटो 

विकास सिंह द्वारा सीबीआई को लिखे इस लेटर में लिखा है, "इस मामले को CBI द्वारा गठित किसी अन्य फोरेंसिक टीम को भेजा जाना चाहिए."

मुंबई। सुशांत सिंह राजपूत मौत मामले (Sushant Singh Rajput Case) में एम्‍स ने सीबीआई को अपनी फारेंसिक रिपोर्ट पहले ही भेज थी जिसमे उसने साफ कर दिया था कि एक्‍टर की हत्‍या नहीं हुई उसकी मौत आत्‍महत्‍या करने से ही हुई है। जिसको अब सीबीआई टीम ने भी मान लिया है, लेकिन सुशांत के परिवार के वकील विकास सिंह को सीबीआई को निदेशक को पत्र लिखा है और एम्स द्वारा सीबीआई को सौंपी गई फॉरेंसिक जांच रिपोर्ट पर आपत्ति जताते हुए और इसे दोषपूर्ण बताते हुए कई सवाल उठाए है और सीबीआई द्वारा किसी अन्य फोरेंसिक टीम को गठित कर उससे जांच करवाने की गुजारिश की है। इतना ही नहीं विकास सिंह ने सीबीआई को भेजे गए पत्र में कई महत्‍वपूर्ण बिंदु उठाए हैं और दावा किया है कि अगर नई टीम फोरेंसिक टीम जांच करती हैं तो सच्‍चाई हर हाल में सामने आएगी।

एम्‍स ने केवल कूपर हॉस्पिटल पर अपनी राय दी है

बता दें सुशांत के परिवार के वकील विकास सिंह (Vikas Singh) ने पहले भी दावा किया है कि सुशांत सिंह राजपूत ने आत्महत्या नहीं की है बल्कि उनको गला घोंटकर मारा गया है। वकील ने कहा कि एम्‍स को न तो सुशांत सिंह राजपूत का पोस्‍टमार्टम करने का पहला मौका मिला और न ही उसने डेडबॉडी को एक्‍जामिन किया है, एम्‍स केवल कूपर हॉस्टिपटल जिसने सुशांत का पोस्‍टमार्टम किया उससे मिली रिपोर्ट पर अपनी राय दे रहा है।

डाक्‍टर सुधीर गुप्‍ता ने सुशांत की मौत के बाद बोली थी ये बात

वकील विकास सिंह ने आगे लिखा कि डाक्‍टर सुधीर गुप्‍ता सुशांत की मौत के बाद से पहले दिन से मीडिया को दिए इंटरव्‍यू में कूपर हास्पिटल के डाक्‍टरों द्वारा किए एटॉप्‍सी रिपोर्ट पर प्रश्‍न उठा रहे थे और ये भी आरोप लगाया कि मुंबई पुलिस ने जल्‍दबाजी में पोस्‍टमार्टम करवाया और क्राइम सीन को ठीक से प्रोटेक्‍ट नहीं किया गया।

वकील ने बताया पोस्‍टमार्टम में क्या है कमियां

वहीं विकास सिंह ने सीबीआई को लिखे पत्र में कूपर हॉस्पिटल की पोस्‍टमार्टम रिपोर्ट में काफी कमियां भी गिनाई हैं। जानिए वो कमियां क्या हैं।

1- पोस्‍टमार्टम रात में किया गया।

2- पोस्‍टमार्टम किए जाने में जो प्रोटोकॉल दुनिया भर में विशेषज्ञ फॉलो करते हैं उसको इस केस में फॉलो नहीं किया गया।

3- पोस्‍टमार्टम की वीडियोग्राफी नहीं की गई।

4- आगे और जांच करने के लिए बिसरा को संग्रहित नहीं किया गया।

5- पोस्‍टमार्टम रिपोर्ट में मृत्‍यु का समय नहीं बताया गया है।

6- मृतक के शरीर पर लगे घावों के बारे में कुछ भी नहीं बताया गया है और शरीर पर वो घाव क्‍यों और कैसे लगे इसके बारे में कोई भी कारण नहीं लिखे गए हैं।

7- मृतक का पैर फैक्‍चर था उसके बारे में कुछ भी नहीं लिखा गया है।

8- वकील ने दावा किया है कि नए सिरे से एक बार फिर फॉ‍रेंसिक जांच करवाए जाने के बाद और भी बहुत सी कमियां उजागर हो सकती हैं एम्‍स की एक्‍सपर्ट टीम ने जिसको नजरंदाज कर दिया है। उन्‍होंने आगे लिखा कि ये मैं नहीं एक एक्‍स्‍पपर्ट डाक्‍टर ने टीवी चैनल को इंटरव्‍यू में व्‍यक्‍त किया है।

डाक्‍टर सुधीर गुप्‍ता के इस रवैये पर भी वकील ने उठाए हैं सवाल

वकील ने ये भी आरोप लगाया कि एम्‍स पैनल के हेड डाक्‍टर सुधीर गुप्‍ता ने जो सीबीआई को फारेंसिक रिपोर्ट सौंपी है उसे कई मीडिया हाउस को लीक की जो कि नियमों के विरुद्ध है। इतना ही नहीं डाक्‍टर सुधीर गुप्‍ता कहते फिर रहे हैं कि सुशांत सिंह राजपूत की हत्‍या नहीं बल्कि उसने आत्‍महत्‍या की है। डाक्‍टर सुधीर गुप्‍ता काफी सारी बचकानी हरकतें कर रहे हैं जो बहुत ही गैरजिम्मेदराना है और लोगों को भ्रमित कर रहे हैं, और एक अच्‍छी जांच प्रक्रिया को पटरी से उतार रहे हैं। ऐसा बर्ताव मेडिकल एथिक्‍स के खिलाफ है और अपराध है।


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