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सुशांत सिंह राजपूत की भाभी थीं LJP की इकलौती MLC, अब हुईं BJP में शामिल

Admin4
22 Feb 2021 3:29 PM GMT
सुशांत सिंह राजपूत की भाभी थीं LJP की इकलौती MLC, अब हुईं BJP में शामिल
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एलजेपी से आए नेताओं को जेडीयू के अध्यक्ष आर सी पी सिंह और प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने पार्टी की सदस्यता ग्रहण करवाई थी

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | LJP की एक मात्र MLC नूतन सिंह (Nutan Singh) सोमवार को BJP में शामिल हो गईं हैं. नूतन सिंह दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) की भाभी हैं. नतून सिंह के पति बिहार सरकार (Bihar Government) में मंत्री और भाजपा विधायक नीरज कुमार बबलू हैं. नूतन के साथ पूर्व आईएएस अधिकारी उदय प्रताप सिंह भी बीजेपी में शामिल हुए हैं. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने उन्हें पार्टी में शामिल करवाया है.

नतून सिंह बिहार विधान परिषद में LJP की एकमात्र MLC थी. अब विधान परिषद में LJP का एक भी MLC नहीं बचा है. पिछले साल हुए बिहार विधानसभा (Bihar) चुनाव में केवल एक सीट जीतने वाली लोकजनशक्ति पार्टी (LJP) में लगातार बागवत हो रही है. पूर्व विधायक रामेश्वर प्रसाद चौरसिया के बुधवार को पार्टी छोड़ने के बाद गुरुवार को एलजेपी के 200 से ज्यादा नेता जनता दल (युनाइटेड) में शामिल हो गए थे.
बागी नेताओं ने चिराग पासवान पर लगाए आरोप

एलजेपी से आए नेताओं को जेडीयू के अध्यक्ष आर सी पी सिंह और प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने पार्टी की सदस्यता ग्रहण करवाई थी. जेडीयू में शामिल हुए नेताओं में कई प्रकोष्ठों के अध्यक्ष और जिला अध्यक्ष बताए जा रहे हैं. जेडीयू का दामन थमने के बाद नेता रामनाथ रमन पासवान ने एलजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान पर कई गंभीर आरोप लगाए. पासवान ने चिराग को ठग बताते हुए कहा कि जिस नेता ने बिहार में जन्म नहीं लिया है, उनको बिहार के बारे में कितनी जानकारी होगी? उन्होंने एलजेपी को ठगों की पार्टी करार देते हुए कहा कि चिराग पासवान को जेल जाने से कोई नहीं रोक सकता.
वहीं भाजपा की ओर तीखी प्रतिक्रिया आई थी. पार्टी ने बयान जारी कर कहा था कि जदयू को बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट मुहिम के गद्दार मुबारक हों. हमारी पार्टी अभी समुद्र मंथन दौर में है. एलजेपी से निकाले गए लोग अब जेडीयू में चले गए हैं. एलजेपी ने कहा था कि बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में पार्टी ने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला लिया था और ये सभी कमजोर व गद्दार नेता भाग खड़े हुए. इन सभी नेताओं ने पार्टी और बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट मुहिम से गद्दारी की व पिछले चुनावों में जेडीयू के प्रत्याशियों का साथ दिया. लेकिन जनता ने जेडीयू को सबक सिखाया.


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