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नई दिल्ली | सूर्य के रहस्यों को जानने के लिए अंतरिक्ष रवाना हुए आदित्य एल1 ने सफलता की एक और छलांग लगाई है। इसरो ने आदित्य एल1 पर खुशखबरी देते हुए बताया कि सूर्य मिशन एल1 ने सफलतापूर्वक कक्षा बदल ली है। इसरो का पहला सूर्य मिशन आदित्य एल1 जिसे 2 सितंबर को लॉन्च किया गया। आदित्य एल 1 ने कक्षा बदली और पहली अर्थ बाउंड फायरिंग हुई है। अब पांच सितंबर का इंतजार है जब अगली अर्थ बाउंड फायरिंग होगी। जिसके बाद आदित्य एल1 फिर से कक्षा बदलेगा।
इसरो ने सुबह 11:45 मिनट पर पहली अर्थ बाउंड फायरिंग की जिसकी मदद से आदित्य एल1 ने सफलतापूर्वक अपनी कक्षा बदली। अब आदित्य एल1 पृथ्वी से 22 हजार 459 किलोमीटर दूर है। अब अगला मैनुयर 5 सितंबर 2023 को किया जाएगा। इसरो ने बताया कि सैटेलाइट ठीक है। अच्छी तरह से काम कर रहा है। ये मिशन भी चंद्रमा की तरह पहले पृथ्वी की परिक्रमा करेगा। फिर तेजी से सूरज की दिशा में उड़ान भरेगा।
सफल लॉन्चिंग के बाद सवाल है कि आदित्य एल1 अंतरिक्ष में क्या करेगा? धरती से लॉन्च होने के बाद एला की हेलो ऑर्बिट तक पहुंचने में आदित्य L1 को चार महीने का वक्त लगेगा। तमाम स्पेस मिशनों को चलाने के लिए स्पेस के मौसम को समझना जरूरी है। इससे स्पेस के मौसम समझा जाएगा। यह सूर्य के कोरोना की स्टडी करेगा। सूरज की हाई रेजोल्यूशन तस्वीरें लेगा। सौर हवाओं का जायजा लिया जाएगा।
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Harrison
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