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ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर आज फिर से होगा सर्वे और वीडियोग्राफी

Nilmani Pal
7 May 2022 1:52 AM GMT
ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर आज फिर से होगा सर्वे और वीडियोग्राफी
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यूपी। वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर में अदालत के आदेश पर शुक्रवार को पौने चार घंटे तक सर्वे और वीडियोग्राफी हुई। इस दौरान बाहर सड़क पर नारेबाजी होती रही। सर्वे के चलते सुबह से ही गहमागहमी रही। परिसर के बाहर बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी से जुड़े लोगों ने सर्वे टीम को परिसर में बैरिकेडिंग से आगे मस्जिद में जाने नहीं दिया। हालांकि, इस दौरान चारों तरफ की वीडियोग्राफी कराई गई। कमेटी के लोग सर्वे की कार्यवाही से संतुष्ट नहीं हैं।

कमीशन की कार्यवाही के लिए नियुक्त अधिवक्ता आयुक्त अजय कुमार मिश्र अन्य लोगों के साथ दिन में सवा तीन बजे सर्वे के लिए परिसर में पहुंचे। सर्वे के बाद शाम सात बजे बाहर निकले। सर्वे का कार्य शनिवार को भी जारी रहेगा। कमीशन को 10 मई को अपनी रिपोर्ट जिला अदालत को सौंपना है। मां शृंगार गौरी के दर्शन-पूजन को लेकर दायर याचिका पर जिला अदालत ने कमीशन बैठाकर सर्वे व वीडियोग्राफी का आदेश दिया है।

पुलिस की कड़ी सुरक्षा में कमीशन की कार्यवाही शुरू हुई। ज्ञानवापी पहुंचे अधिवक्ताओं की भी चेकिंग की गई। इसके बाद अंदर प्रवेश दिया गया। इंतजामिया कमेटी से जुड़े पांच अधिवक्ताओं में से एक अभय यादव ने कहा कि कोर्ट के आदेश से इतर काम हुआ तो शिकायत करेंगे। शुक्रवार और सर्वे के चलते परिसर के पास अधिक भीड़ रही। सर्वे जिस समय शुरू हुआ, उस दौरान एहतियातन आसपास की दुकानें लोगों ने बंद कर दीं। बाद में पुलिस की ओर से भरोसा दिलाए जाने के बाद आसपास को छोड़कर बाकी दुकानें खुल गईं।

ये है मामला

नई दिल्ली की राखी सिंह, लक्ष्मी देवी, सीता साहू, मंजू व्यास व रेखा पाठक की ओर से 18 अगस्त 2021 को सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालत में वाद दाखिल किया गया था। वाद में कहा गया है कि भक्तों को मां शृंगार गौरी के दैनिक दर्शन-पूजन एवं अन्य अनुष्ठान करने की अनुमति देने के साथ ही परिसर में स्थित अन्य देवी-देवताओं के विग्रहों को सुरक्षित रखा जाए।

वाद में प्रदेश सरकार के अलावा जिलाधिकारी, पुलिस आयुक्त, अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी और काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट को पक्षकार बनाया गया। इस वाद पर मौके की वस्तुस्थिति जानने के लिए सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने पिछले 9 अप्रैल को अधिवक्ता आयुक्त नियुक्त कर कमीशन कार्यवाही का आदेश दिया। कोर्ट ने पुलिस आयुक्त को पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था के लिए निर्देशित किया गया था।

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