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हैरान करने वाली बात: महज 10 रुपये के खर्च पर करोड़ों की संपत्ति मिली वापस,जाने पूरा मामला

Deepa Sahu
21 Feb 2021 6:32 PM GMT
हैरान करने वाली बात: महज 10 रुपये के खर्च पर करोड़ों की संपत्ति मिली वापस,जाने पूरा मामला
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महज 10 रुपये के खर्च पर करोड़ों की संपत्ति का वापस मिल जाना,

जनता से रिश्ता वेबडेस्क: महज 10 रुपये के खर्च पर करोड़ों की संपत्ति का वापस मिल जाना, हैरान करने वाली बात है. लेकिन ऐसा कुछ हकीकत में हुआ है. उत्तर प्रदेश के ओयल स्टेट के राज पर‍िवार को 93 साल बाद उसका हक मिला है. किस्सा दिलचस्प है, 1928 में ओयल रियासत के तत्कालीन राजा युवराज दत्त सिंह ने अपना एक महल डिप्टी कलेक्ट्रेट को किराए पर दिया था. इस वक्त वो जिलाधिकारी लखीमपुर का आवास है. करीब 30 साल बाद 1958 में इसका नवीनीकरण भी किया गया. राजा युवराज दत्त की मृत्यु 1984 में हो गई थी. करीब 3 साल बाद जब फिर नवीनीकरण की बारी आई तो पता चला कि 1959 में डीड खत्म हो गई है और जो खसरा नंबर चढ़ा है वह महल का नहीं है.

फिर राज परिवार से डीड बढ़ाने और सही खसरा संख्या पता करने के लिए मूल कागज मांगे गए. राज परिवार के पास महल के असली कागज नहीं थे तो किराया मिलना बंद हो गया. इसके बाद राज परिवार की ओर से 2019 में आरटीआई की चार याचिकाएं जिलाधिकारी लखीमपुर, मंडलायुक्त, वित्त विभाग और राजस्व परिषद में डाली गईं.
27 मार्च 2020 आरटीआई का जवाब मिला कि कागज सीतापुर में हो सकते हैं क्योंकि आजादी के पहले लखीमपुर के अभिलेख सीतापुर में रखे जाते थे. इसके बाद राज परिवार ने उप निबंधक कार्यालय से सूचना मांगी और 21 अक्टूबर 2020 को खाता संख्या पांच और खसरा संख्या 359 यानी महल के कागज राज परिवार के हाथ में थे.


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