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हॉकर की याचिका पर सुप्रीम फैसला, फेरी लगाकर सामान बेचने वाले लोगों को लेकर बड़ा फैसला आया, जानें

Kajal Dubey
15 April 2022 9:48 AM GMT
हॉकर की याचिका पर सुप्रीम फैसला, फेरी लगाकर सामान बेचने वाले लोगों को लेकर बड़ा फैसला आया, जानें
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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने फेरी लगाकर सामान बेचने वाले लोगों को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कहा कि फेरी लगाकर सामान बेचने वाले उनके लिए तय नियम कानून के मुताबिक, घूम-घूमकर अपना सामान तो बेच सकते हैं, लेकिन रात में किसी भी सार्वजनिक जगह पर अपना स्टॉक यानी माल रखने का अधिकार उनको नहीं है. ऐसा करना अवैध है.

जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस बीवी नस की पीठ ने अपने फैसले में हॉकर के उस दावे को खारिज कर दिया, जिसमें उसने दिन में बिक्री के बाद बचे हुए सामान को उसी जगह पर सुरक्षित रखने का दावा करते हुए अर्जी दाखिल की थी.
मामला नई दिल्ली के सरोजिनी नगर मार्केट का है. वहां एक हॉकर मदन लाल ने नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (NDMC) के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में मुकदमा दायर किया कि उनको उनकी ही जगह पर रात में सामान रखने की इजाजत नहीं दी जा रही है. बाजार बंद होने पर NDMC प्रशासन उनको सामान हटाने के लिए कहता है. ये उन पर जुल्म है. अदालत इंसाफ करे.
जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस जसमीत सिंह की पीठ ने याचिका खारिज कर दी. मदन लाल ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए मदनलाल की अर्जी खारिज कर दी. पीठ ने कहा कि हॉकिंग नियमों के मुताबिक, इजाजत सिर्फ माल बेचने की है. रात भर या छुट्टियों के दिनों में वहां सामान स्टॉक करने और रखने की नहीं.
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