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एडमिशन मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने EWS और ओबीसी कोटा मामले पर स्पष्ट कर दिया है कि All India Quota आरक्षण इसी सत्र से लागू किया जाएगा.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | एडमिशन मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने EWS और ओबीसी कोटा मामले पर स्पष्ट कर दिया है कि All India Quota आरक्षण इसी सत्र से लागू किया जाएगा. कोर्ट के फैसले के बाद अब काउंसलिंग का रास्ता साफ हो गया है.
NEET-PG एडमिशन मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने EWS और ओबीसी कोटा मामले पर स्पष्ट कर दिया है कि All India Quota आरक्षण इसी सत्र से लागू किया जाएगा. कोर्ट के फैसले के बाद अब काउंसलिंग का रास्ता साफ हो गया है. कोर्ट ने सरकारी द्वारा ओबीसी को दिए जाने वाले 27 फीसदी आरक्षण और EWS कोटा के तहत दिए जा रहे 10 फीसदी आरक्षण को मंजूरी दे दी है. NEET PG Admission: नीट एडमिशन में EWS रिजर्वेशन मामले की सुनवाई आज, सुप्रीम कोर्ट करेगा फैसला
कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि काउंसलिंग की प्रक्रिया जल्द ही शुरू होनी चाहिए, यह राष्ट्रहित में है क्योंकि देश में फिलहाल रेजिडेंट डॉक्टर्स की भारी कमी है. कोर्ट के फैसले के बाद नीट पीजी काउंसलिंग और एडमिशन का रास्ता साफ हो चुका है. बता दें कि काफी समय से रेजिडेंट डॉक्टर्स काउंसलिंग कराने को लेकर प्रदर्शन कर रहे थें. ऐसे में अब MCC द्वारा काउंसलिंग की तारीखों का ऐलान कभी भी किया जा सकता है. Also Read - PM Security Breach: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा मामले में आज SC में होगी सुनवाई, जानें क्या है मामला
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इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने न्यायधीश डीवाई चंद्रचूड़ और ए एस बोपन्ना की दो जजों वाले बेंच ने मामले की सुवनाई पूरी की थी. गुरुवार के दिन याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकीन ने कहा कि ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के लिए 8 लाख रुपये की आय सीमा तक करने का कोई मतलब नहीं बनता है. क्योंकि देश में बड़ी आबादी ऐसा है जिनकी सालाना आय 0- 2.5 लाख रुपये तक है.
इस मामले पर कोर्ट में एसजी तुषार मेहता ने कहा था कि जनवरी 2019 से ओबीसी वर्ग के लिए 27 फीसदी और ईडब्ल्यूएस वर्ग के लिए 10 फीसदी आरक्षण का प्रावधान है. केंद्रीय विद्यालयों में इन्हीं नियमों के तहत छात्रों का एडमिशन हो रहा है. वहीं यूपीएससी परीक्षा में भी इस प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है. फिर NEET-PG Exam में इसे लागू न करने का कोई औचित्य नहीं बनता है. क्योंकि यह भेदभावपूर्ण होगा.
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