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सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, दिल्ली NCR में दोबारा बेचे जाएंगे आम्रपाली के 9538 बेनामी फ्लैट
Deepa Sahu
14 Aug 2021 4:46 PM GMT
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दिल्ली एनसीआर में अधूरे पड़े आम्रपाली समूह के प्रोजेक्टों को पूरा करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला किया है।
दिल्ली एनसीआर में अधूरे पड़े आम्रपाली समूह के प्रोजेक्टों को पूरा करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला किया है। कोर्ट ने बिना दावेदार वाले, बेनामी या फर्जी नामों से बुक कराए गए 9500 से ज्यादा फ्लैटों की बुकिंग निरस्त कर उन्हें फिर से बेचने की प्रक्रिया शुरू करेगी। दोबारा बिक्री से प्राप्त राशि से अधूरे प्रोजेक्टों का निर्माण पूरा कराया जाएगा। शीर्ष अदालत ने कहा कि वह निर्देश देगी कि 9538 खरीददारों को 15 दिन का वक्त दिया जाए। इसमें वे रजिस्ट्री कराकर भुगतान कर दें। ऐसा नहीं करने वाले खरीददारों के फ्लैट बिना बिके माने जाएंगे और उनकी नीलामी की जाएगी।
जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस अजय रस्तोगी की पीठ ने कहा कि वह इस बारे में आदेश जारी करेगी। इससे पहले फ्लैट खरीददारों की ओर से पेश हुए वकील एमएल लाहोटी ने कहा कि उन्होंने पूर्व में एक नोट पेश किया था। जिसमें फोरेंसिक आडिट में सामने आए प्रोजेक्ट के बिना बिके फ्लैटों और फर्जी नामों से बुक कराए गए फ्लैटों का विवरण दिया गया है। इन्हें दोबारा बेचकर लंबित प्रोजेक्टों के लिए वित्तीय जरूरतों की पूर्ति की जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट का इस बारे में आदेश अभी शीर्ष कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड नहीं हुआ है।
लाहोटी की दलीलों का वरिष्ठ वकील आर. वेंकटरमानी ने भी समर्थन किया। वे कोर्ट द्वारा नियुक्त किए गए रिसीवर और संपत्ति के तटस्थ अभिरक्षक हैं। उन्हें कोर्ट ने कुछ अधिकार भी दिए हैं। वेंकटरमानी का कहना था कि ऐसे खरीददारों को अंतिम मौका दिया जाना चाहिए। इस दलील का पीठ ने भी समर्थन किया। पीठ ने कहा कि ऐसे खरीददारों को अंतिम नोटिस दिया जाना चाहिए और उन्हें पंजीयन कराने के लिए कहा जाना चाहिए। इसके पूर्व उन्हें सारे बकाया भुगतान तय योजना के अनुसार पूरे करना होंगे। यदि वे ऐसा नहीं करते हैं तो उनकी प्रॉपर्टी को बिना बिका स्टॉक माना जाएगा और उनकी बुकिंग निरस्त कर दी जाएगी।
वेंकटरमानी ने पीठ से कहा कि इस प्रक्रिया से पर्याप्त पैसा मिल सकता है, जिससे लंबित प्रोजेक्टों का निर्माण पूरा हो सकेगा। इसके साथ ही बोगस नामों से बुक कराए गए या कम दामों पर खरीदे गए फ्लैटों का भी पता चल सकेगा। कोर्ट द्वारा नियुक्त रिसीवर ने कहा कि सस्ते व मध्यम आय वर्ग की आवास योजना- स्वामी इनवेस्टमेंट फंड-1 के तहत दस्तावेजीकरण की प्रक्रिया स्पेशल विंडो के माध्यम से पूरी हो चुकी है। इसे केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित किया गया है और एसबीआई कैप द्वारा इसका प्रबंधन किया जा रहा है।
एसबीआई कैप द्वारा पूर्ववर्ती आम्रपाली समूह के नोएडा व ग्रेटर नोएडा में छह प्रोजेक्टों में 650 करोड़ रुपये निवेश किए जाएंगे। वेंकटरमानी ने कोर्ट को बताया कि एसबीआई कैप टोकन राशि के रूप में 10 करोड़ रुपये जारी कर दिए हैं और शेष राशि एक सप्ताह में मिल जाएगी।
इन अधूरे प्रोजेक्टों में पैसा लगाएगी एसबीआई कैप
समझौते के अनुसार एसबीआई कैप आम्रपाली समूह की सिलीकॉन सिटी-1, सिलीकॉन सिटी-2, क्रिस्टल होम्स, सेंचुरियन पार्क, लो राइज, 02 वैली, ट्रॉपिकल गार्डन में निवेश करेगी। इन प्रोजेक्ट्स में 6947 फ्लैट्स का निर्माण अधूरा पड़ा है।
5229 फ्लैट्स नहीं बिके, फोरेंसिक ऑडिट में खुलासा
इससे पूर्व कोर्ट द्वारा नियुक्त फोरेंसिक ऑडिटर्स पवन अग्रवाल व रवि भटिया ने अपनी आरंभिक रिपोर्ट में कहा था कि आम्रपाली के 5229 फ्लैट बिके नहीं हैं। इनमें वो फ्लैट भी शामिल हैं, जो एक रुपये, 11 रुपये और 12 रुपये वर्गफीट में बुक किए गए थे। इसके बाद कोर्ट के संज्ञान में कुछ और ऐसे फ्लैट आए। इसके साथ ही बगैर दावेदारों वाले फ्लैटों की संख्या 9538 तक पहुंच गई। कोर्ट ने इन संपत्तियों का असल मूल्य पता लगाने के लिए एक वैल्यूअर की नियुक्ति का भी निर्देश दिया था।
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