नई दिल्ली । केंद्र सरकार द्वारा 2016 में लाए गए नोटबंदी के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बड़ा फैसला लिया। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के 2016 में 500 रुपए और 1000 रुपए के नोटों को बंद करने के फैसले को बरकरार रखा है। न्यायमूर्ति बीआर गवई ने कहा कि केंद्र के फैसले में खामी नहीं हो सकती क्योंकि रिज़र्व बैंक और सरकार के बीच इस मुद्दे पर पहले विचार-विमर्श हुआ था।
इस मामले पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार के 2016 के नोटबंदी के फैसले के खिलाफ दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया और केंद्र सरकार के कदम को सही ठहराया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 8 नवंबर 2016 को जारी अधिसूचना वैध व प्रक्रिया के तहत थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की संविधान पीठ ने केंद्र सरकार के 2016 के 500 रुपए और 1000 रुपए के नोट बंद करने के फैसले को चुनौती देने वाली 58 याचिकाओं को खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कार्यपालिका की आर्थिक नीति होने के कारण फैसले को पलटा नहीं जा सकता है।
जस्टिस गवई ने बताया कि इन याचिकाओं में 9 मुद्दों को उठाया गया था इनमें से 6 मुद्दों पर सुप्रीम कोर्ट ने ध्यान दिया। इससे पहले जस्टिस अब्दुल नजीर की अध्यक्षता वाली 5 जजों की संवैधानिक बेंच ने पांच दिन की बहस के बाद 7 दिसंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। फैसला सुनाने वाली बेंच में जस्टिस अब्दुल नजीर जस्टिस बीआर गवई जस्टिस एएस बोपन्ना जस्टिस वी रामासुब्रमण्यन और जस्टिस बीवी नागरत्ना शामिल थे।