जनता से रिश्ता वेबडेस्क | सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि राज्य के विश्वविद्यालयों के लिए केंद्र सरकार द्वारा जारी निर्देश बाध्यकारी नहीं हैं। ये सिफारिशी प्रकृति के होते हैं। इनके आधार पर राज्य विश्वविद्यालयों के रजिस्ट्रार उच्च वेतनमान का दावा नहीं कर सकते। जस्टिस एसके कौल की पीठ ने यह फैसला देते हुए उत्तराखंड हाईकोर्ट के फैसले को निरस्त कर दिया, जिसमें रिट याचिकाकर्ता सुधीर बुड़ाकोटी को केंद्रीय विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार के बराबर वेतन देने का आदेश दे दिया गया था। पीठ ने फैसले में कहा कि इस बारे में कानून (कल्याणी मथिवनन बनाम केवी जयराज, 2015) तय है कि राज्य सरकारें केंद्र सरकार के निर्देशों से बंधी हुई नहीं है। यह बहुत हद तक केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिए तो बाध्यकारी हो सकते हैं, जो केंद्र सरकार से फंड लेते हैं, लेकिन राज्य के संस्थानों पर ये बाध्यकारी नहीं हो सकते।