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सुप्रीम कोर्ट ने कहा- 'रेलवे क्लेम ट्रिब्यूनल' में 4 न्यायिक सदस्यों की नियुक्ति पूरी करे केंद्र

Deepa Sahu
27 May 2021 3:11 PM GMT
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- रेलवे क्लेम ट्रिब्यूनल में 4 न्यायिक सदस्यों की नियुक्ति पूरी करे केंद्र
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सुप्रीम कोर्ट

विभिन्न अधिकरणों में नियुक्ति को लेकर हो रही देरी पर चिंता सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई. कोर्ट ने आदेश दिया कि वह मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति द्वारा अनुमोदित रेलवे क्लेम ट्रिब्यूनल में चार न्यायिक सदस्यों की नियुक्ति करें. जस्टिस एल नागेश्वर राव, जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस एस रविंद्र भट की पीठ ने हालांकि स्पष्ट किया कि सदस्यों का कार्यकाल मामले पर लंबित याचिका के फैसले पर निर्भर करेगा.

कोर्ट बार एसोसिएशन, रेलवे क्लेम ट्रिब्यूनल, जयपुर द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें ट्रिब्यूनल के न्यायिक सदस्यों के रिक्त पदों पर नियुक्ति की मांग की गई थी. कोर्ट ने उल्लेख किया कि 27 अप्रैल, 2020 में, केंद्र ने प्रस्तुत किया था कि ट्रिब्यूनल में 17 सदस्यों की नियुक्ति की प्रक्रिया 15 दिनों के भीतर पूरी हो जाएगी.
15 जून 2020 को तकनीकी सदस्यों की नियुक्ति की गई
15 जून 2020 को तकनीकी सदस्यों की नियुक्ति की गई थी. हालांकि, न्यायिक सदस्यों की नियुक्ति रोक दी गई थी. जब 3 दिसंबर, 2020 को मामले की सुनवाई हुई, तो केंद्र ने कोर्ट को आश्वासन दिया कि न्यायिक सदस्यों के पद पर नियुक्तियां जल्द ही प्रभावी होंगी.
याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता निखिल नय्यर ने 21 अक्टूबर, 2020 की कार्यवाही का हवाला दिया, जिसके द्वारा कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने ट्रिब्यूनल में चार न्यायिक सदस्यों की नियुक्ति के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. उन्होंने तर्क दिया कि जिन व्यक्तियों की नियुक्तियों को मंजूरी दी गई है, उन्हें नियुक्त न करने का कोई कारण नहीं है.
अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कोर्ट को बताया कि नियुक्तियों में देरी इसलिए हुई क्योंकि कोर्ट के फैसले में कार्यकाल के लिए पांच साल का प्रावधान है, जबकि 4 अप्रैल, 2021 का अध्यादेश सदस्यों के कार्यकाल को चार साल तय करता है. मामले अब दो सप्ताह बाद सुनवाई करने का फैसला किया गया है.
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